एमवी एक्स-प्रेस पर्ल में लगी आग पर काबू पाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल का अभियान जारी

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के पोत ‘वैभव’ और ‘वज्र’ का श्रीलंका के कोलंबो मध्‍य में मौजूद कंटेनर जहाज एमवी एक्स-प्रेस पर्ल में लगी आग पर काबू पाने का अभियान जारी है। अशांत समुद्र और प्रतिकूल मौसम की परिस्थितियों के बीच, श्रीलंका द्वारा तैनात पोतों के साथ संयुक्त प्रयास करते हुए आईसीजी जहाजों ने अग्नि से घिरे पोत की इस आग पर नियंत्रण पाने के लिए पोत के दोनों ओर से हैवी-डयूटी बाहरी अग्निशमन प्रणाली के माध्यम  से इसपर लगातार एएफएफएफ घोल और समुद्र के पानी का छिड़काव किया है।

पोत के दोनों किनारों पर रखे गए कंटेनर या तो आंशिक रूप से या पूरी तरह से जले हुए हैं और इनका कुछ स्थलों पर पानी में गिरने का खतरा है। हालांकि, कौशल का उपयोग करते हुए, आईसीजी पोतों ने इस पोत के 40-50 मीटर के करीब पहुंचकर इस पर समुद्री पानी/फोम का प्रभावी ढंग से छिड़काव किया है। आईसीजी पोतों द्वारा निरंतर रूप से जारी आग बुझाने के प्रयासों के परिणामस्वरूप संकटग्रस्त पोत के आगे और बीच के भाग में आग कम हो गई है, लेकिन पोत के पिछले भाग में अभी भी भयंकर आग लगी है।

मदुरै से संचालित आईसीजी डोर्नियर विमान ने 27 मई, 2021 को इस क्षेत्र में उड़ान भरते हुए इसकी जानकारी ली थी। पोत से किसी प्रकार के तेल का रिसाव नहीं हुआ है। आईसीजी पोत समुद्र प्रहरी, एक विशेष प्रदूषण प्रतिक्रिया (पीआर) पोत, को भी पीआर कॉन्फ़िगरेशन में अग्निशमन प्रयासों को बढ़ाने और किसी भी तरह के तेल का रिसाव पर शीघ्र कार्यवाही करने के लिए भेजा गया है।

संकटग्रस्त पोत एमवी एक्स-प्रेस पर्ल नाइट्रिक एसिड और अन्य खतरनाक आईएमडीजी कोड रसायनों के साथ 1,486 कंटेनर ले जा रहा था। अत्यधिक आग के कारण कंटेनरों को हुए नुकसान और मौजूदा खराब मौसम के कारण पोत एक तरफ झुक गया है जिसके परिणामस्वरूप कंटेनर पानी में गिर गए। अग्निशामक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए, 26 मई, 2021 को आईसीजी पोत वज्र द्वारा लगभग 4,500 लीटर एएफएफएफ यौगिक और 450 किलोग्राम सूखा रासायनिक पाउडर श्रीलंका के अधिकारियों को सौंपा गया था।

प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल सहायता के लिए कोच्चि, चेन्नई और तूतीकोरिन में आईसीजी प्रतिष्ठानों को आपात स्थिति में मदद के लिए तैयार रखा गया है। आग पर काबू पाने की दिशा में समूचे अग्निशमन अभियानों को बढ़ाने के लिए श्रीलंका के तटरक्षक बल और अन्य श्रीलंका के अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखा जा रहा है।

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