इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स को कोवैक्सीन की उत्पादन  का मिला लाइसेंस

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा घोषित मिशन कोविड सुरक्षा के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) ने स्वदेशी कोविड टीकों के विकास और उत्पादन में तेजी लाने के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 के अंतर्गत कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए एक परियोजना प्रारम्भ की है।

इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड, हैदराबाद, इस परियोजना के तहत केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से ऋण लाइसेंस प्राप्त करने वाली पहली ऐसी निर्माण सुविधा  है जो भारत बायोटेक को अपनी इस पुनर्निर्मित सुविधा में उत्पादित कोवैक्सीन औषधि  पदार्थ की आपूर्ति करेगी । इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स आज 13 अगस्त 2021 को भारत बायोटेक को वाणिज्यिक कोवैक्सीन औषधि संघटक (ड्रग सब्सटेंस) की पहली खेप की आपूर्ति करेगा। शुरू में इस संयन्त्र में प्रति माह 20-30 लाख  खुराक का उत्पादन होगा , और इसके बाद अगले कुछ सप्ताहों  में कारकापटला में अपनी नई सुविधा से यह कम्पनी 40- लाख  खुराक का उत्पादन करने लगेगी ।

इस उपलब्धि के बारे में बताते हुए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की सचिव और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) की अध्यक्ष डॉ. रेणु स्वरूप ने कहा कि ”सरकार ने देश में कोवैक्सिन उत्पादन बढ़ाने और कोवैक्सीन टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए अथक प्रयास किया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा भारतीय इम्यूनोलॉजिकल के लिए कोवैक्सीन ड्रग पदार्थ का उत्पादन करने के लिए ऋण लाइसेंस समझौता एक बहुत ही कम समय में बनाया गया एक प्रमुख उपलब्धि   है। मिशन कोविड सुरक्षा के तहत डीबीटी-बीआईआरएसी द्वारा सहयोग दिए जाने  का उद्देश्य हमारे देश की कोविड -19 वैक्सीन आवश्यकता को पूरा करना है। मैं इस उपलब्धि के लिए किए गए प्रयासों के लिए टीम को बधाई देती  हूं।”

 

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