डीयू के भारती कॉलेज की गवर्निंग बॉडी में बरती जा रही अनियमितता: AADTA
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में AADTA के EC सदस्यों ने कुलपति को लिखे अपने पत्र में विश्वविद्यालय प्रशासन को आड़े हाथों लिया है। अपने पत्र में भारती कॉलेज की गवर्निंग बॉडी को लेकर बरती जा रही अनियमितता को उजागर करते हुए EC सदस्यों ने कहा है कि नियमों को ताक पर रखते हुए कॉलेज शाखा के उप रजिस्ट्रार ने तीन सदस्यों को अपने स्तर पर नामित कर दिया है। नियमों की बात करें तो इसके लिए विश्वविद्यालय EC का अनुमोदन अनिवार्य है। ऐसे में प्रथम दृष्ट्या यह मनमाने व कानून के उल्लंघन का मामला है।
EC सदस्यों ने विश्वविद्यालय प्रशासन की समूची कार्यप्रणाली को असंगत और मनमाना सिद्ध करते हुए उल्लेखित किया है कि दिनांक 15 फरवरी 2023 के सहायक रजिस्ट्रार के पत्र में कहा गया है कि इन तीन सदस्यों की सदस्यता 20 फरवरी 2023 से प्रभावी होनी है। कुछ दिनों के बाद 22 फरवरी 2023 को इसी कार्यालय से एक और पत्र भेजा गया कि यह सदस्यता 18 फरवरी 2023 से प्रभावी होगा, जो कि समूचे प्रशासन के अगंभीर रवैए को चिन्हित करता है।
अपने पत्र में AADTA के EC सदस्यों ने 28 जीबी के लिए दिल्ली सरकार द्वारा प्रेषित नामों को मंजूरी देने और उन्हें पूर्ण रूप से गठित करने में की जा रही ‘जानबूझकर देरी’ पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। जब कुलपति ने 3 फरवरी के इसी की बैठक मे दिल्ली सरकार द्वारा भेजे नामों की स्वीकृति की मांग पर तकनीकी अड़चन का हवाला देकर खारिज कर दिया था तो अब ये तीन नाम कहां से और कैसे आ गए?
बताते चलें कि अभी कुछ माह पहले भी नियमों को लेकर बरती जा रही इसी तरह लापरवाही के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन को कॉलेज प्रिंसिपल की भर्ती प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा था, जिसे लेकर उसकी बहुत किरकिरी हुई थी।