झांसी अस्पताल अग्निकांड: नवजातों की मौत के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी, 10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के झांसी में एक अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में लगी भीषण आग में 10 नवजात शिशुओं की मौत के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
समाजवादी पार्टी ने इस त्रासदी के लिए महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि शुक्रवार दोपहर को शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लग गई। इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और शनिवार शाम तक रिपोर्ट मांगी है।
मुख्यमंत्री ने मृतक बच्चों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
बताया जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। ऑक्सीजन युक्त वार्ड में आग लगने की वजह से कुछ ही सेकंड में आग फैल गई। घटना के समय करीब 47 नवजात शिशु वार्ड में भर्ती थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह घटना दिल दहला देने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “राज्य सरकार की निगरानी में स्थानीय प्रशासन राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।”
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जो स्वास्थ्य विभाग भी संभालते हैं, ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी। उन्होंने कहा, “10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है, 7 की पहचान हो गई है, 3 की पहचान होनी बाकी है, अगर जरूरत पड़ी तो डीएनए जांच कराई जाएगी।”
समाजवादी पार्टी ने कहा कि सरकारी अस्पताल बदहाली, भ्रष्टाचार और लापरवाही का अड्डा बन गए हैं। मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने आदित्यनाथ से महाराष्ट्र चुनाव प्रचार छोड़कर राज्य में स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं की खराब स्थिति पर ध्यान देने को कहा।
शुक्रवार रात करीब 10.30 बजे वार्ड में लगी आग से अस्पताल में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। आग बुझाने में दो घंटे से अधिक का समय लगा। आग फैलने पर कई लोग खुद को बचाने के लिए खिड़कियों से बाहर निकलते देखे गए।