वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन की अनुमति देने पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई

Karnataka High Court reprimanded the state government for allowing protest against Wakf Billचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को राज्य सरकार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन की अनुमति देने को लेकर कड़ी फटकार लगाई। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने कहा कि जब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है, तब इस तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए थी।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “राज्य सरकार को यह ध्यान में रखना चाहिए कि वक्फ अधिनियम में संशोधन का मामला सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है। ऐसी स्थिति में इस तरह के विरोध-प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”

अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि सार्वजनिक सड़कों पर यातायात बाधित करने वाले किसी भी प्रदर्शन की इजाजत न दी जाए, और प्रदर्शन केवल निर्धारित स्थानों पर और विधिवत अनुमति के बाद ही किए जाएं।

कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा: “यदि अनुमति नहीं है, तो प्रदर्शन भी नहीं होगा।”

यह टिप्पणी उस समय आई जब अदालत मंगलुरु निवासी राजेश ए द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में मंगलुरु पुलिस आयुक्त द्वारा जारी उस निर्देश को चुनौती दी गई थी जिसमें शुक्रवार दोपहर 12 बजे से रात 9 बजे तक नेशनल हाईवे-73 के एक हिस्से पर बस सेवाएं बंद करने के लिए कहा गया था।

राजेश ए के वकील हेमंत आर राव और लीलेश कृष्णा ने तर्क दिया कि इस आदेश से सार्वजनिक परिवहन को अनावश्यक रूप से बाधित किया गया है।

राज्य सरकार ने कोर्ट को सूचित किया कि पहले जारी आदेश को संशोधित कर दिया गया है और अब सामान्य ट्रैफिक बहाल रहेगा। हालांकि, भारी और मध्यम वाणिज्यिक वाहनों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को निर्धारित की गई है।

 

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