खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू नेअयोध्या राम मंदिर पर हमला करने की दी चेतावनी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने हिंदू मंदिरों, विशेष रूप से अयोध्या स्थित राम मंदिर को निशाना बनाने की धमकी दी है। प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में पन्नू ने 16 और 17 नवम्बर को हमले की चेतावनी दी है। यह वीडियो, जो कनाडा के ब्रैम्पटन में रिकॉर्ड किया गया है, हिंदू पूजा स्थलों के खिलाफ हिंसा भड़काने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
वीडियो में पन्नू ने कहा, “हम अयोध्या की नींव हिला देंगे, जो हिंसक हिंदुत्व विचारधारा का जन्म स्थान है,” जो सीधे तौर पर भारत के सबसे पवित्र स्थल, राम मंदिर, को धमकी देने जैसा है। इस वीडियो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर के उद्घाटन के दौरान मंदिर में पूजा करते हुए की तस्वीरें भी दिखाई गईं। पन्नू ने कनाडा में भारतीयों को भी चेतावनी दी है कि वे खालिस्तानी हमलों से बचकर रहें, जो हिंदू मंदिरों पर हो सकते हैं।
इससे पहले, पन्नू ने पिछले महीने एयर इंडिया के यात्रियों को 1 से 19 नवम्बर के बीच यात्रा करने से सावधान किया था, क्योंकि उनका दावा था कि यह समय 1984 के “सिख नरसंहार” की 40वीं वर्षगांठ से मेल खाता है।
पन्नू ने भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा की भी अपील की है, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनका उद्देश्य भारतीय और प्रवासी समुदायों के बीच तनाव और अशांति फैलाना है। SFJ ने कई बार भारत के खिलाफ उकसाने वाले बयान दिए हैं और खालिस्तान के विचार को बढ़ावा देने के लिए कई गतिविधियों में शामिल रहा है।
गुरपतवंत सिंह पन्नू को जुलाई 2020 में भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था और उनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कई वारंट जारी किए गए हैं। हालांकि, पन्नू अभी भी अमेरिका और कनाडा से इन गतिविधियों को संचालित कर रहा है।
हाल के वर्षों में, कनाडा में खालिस्तानी तत्वों द्वारा हिंदू मंदिरों पर हमलों और हिंदू समुदाय के खिलाफ धमकियों में बढ़ोतरी देखी गई है। कई मंदिरों की दीवारों पर नफरत भरे ग्राफिटी के अलावा, मंदिरों में तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आई हैं।
पिछले सप्ताह, ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शकों ने श्रद्धालुओं के साथ संघर्ष किया और भारतीय कांसुलेट द्वारा आयोजित एक कांसुलर इवेंट को बाधित किया।
भारत ने बार-बार कनाडा सरकार से खालिस्तानी गतिविधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, लेकिन कनाडाई अधिकारियों की प्रतिक्रिया अब तक ढीली रही है। भारत का कहना है कि खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ और ठोस कदम उठाए जाने चाहिए, लेकिन कनाडा की प्रतिक्रिया अक्सर अपर्याप्त मानी जाती है। यही कारण है कि भारत और कनाडा के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है।