महाकुंभ पर खड़गे का बयान सनातन धर्म के खिलाफ मानसिकता को दर्शाता है: हिमंत बिस्वा सरमा

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के महाकुंभ पर दिए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। मुख्यमंत्री सरमा ने इसे सनातन धर्म के प्रति एक गहरी मानसिकता का प्रतिबिंब बताया।
उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का महाकुंभ पर दिया गया बयान अभूतपूर्व है और सनातन धर्म के प्रति एक गहरी मानसिकता को दर्शाता है। मुझे विश्वास है कि यह राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक स्थिति है।”
मुख्यमंत्री सरमा ने सोनिया गांधी द्वारा 2001 में कुंभ में किए गए पवित्र स्नान पर सवाल उठाते हुए खरगे से हज यात्रा पर बयान देने की चुनौती दी। उन्होंने लिखा, “लेकिन मैं उनसे यह सवाल पूछता हूं कि 2001 में सोनिया गांधी ने खुद कुंभ में पवित्र स्नान किया था। क्या वह यह कहने की हिम्मत करेंगे कि हज यात्रा करने से भूख और गरीबी जैसे मुद्दों का समाधान नहीं होगा?”
सीएम सरमा ने कांग्रेस से जुड़े हिंदू नेताओं से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि कांग्रेस से जुड़े सभी हिंदू नेता इस मुद्दे पर सोचें और अपना रुख स्पष्ट करें। अपनी आस्था, धर्म और इस देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को केवल सत्ता और पद के लिए समझौता न करें। कोई भी नेता, कोई भी विचारधारा और कोई भी पार्टी आपके धर्म और विश्वास से ऊपर नहीं होनी चाहिए।”
सीएम सरमा ने यह भी कहा कि सनातन धर्म ने सदियों से अपनी ताकत साबित की है, और राजनीतिक स्वार्थ के कारण इसके अस्तित्व को कमजोर नहीं होने देना चाहिए।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को बीजेपी और उसके नेताओं की महाकुंभ में स्नान करने पर आलोचना करते हुए यह सवाल उठाया था कि क्या गंगा स्नान से देश में गरीबी समाप्त हो जाएगी या भूखे लोगों के पेट भरेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि बीजेपी के नेता “सिर्फ कैमरे के लिए” प्रयागराज जा रहे हैं। हालांकि बाद में खरगे ने अपने बयान पर माफी भी मांगी और कहा, “मैं किसी की आस्था पर सवाल नहीं उठाना चाहता। अगर किसी को बुरा लगा हो, तो मैं माफी चाहता हूं।”
खरगे के बयान के बाद बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के इस बयान को करोड़ों हिंदुओं की आस्था पर हमला बताया।