ममता बनर्जी ने प्रयागराज के कुम्भ को ‘मृत्यु कुम्भ’ कहा, बीजेपी ने की तीखी आलोचना

Mamata Banerjee called Prayagraj's Kumbh Mela 'Mrityu Kumbh', BJP strongly criticized
( File Photo, Pic credit: Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कुम्भ मेला में मची भगदड़ और भीड़ प्रबंधन की कथित लापरवाही को लेकर कड़ा हमला बोला। उन्होंने इसे ‘मृत्यु कुम्भ’ करार दिया और आरोप लगाया कि जहां वीआईपी को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं, वहीं गरीबों को जरूरी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है।

ममता बनर्जी ने विधानसभा के बजट सत्र में बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह धर्म को बेचकर देश को बांटने का काम कर रही है और प्रयागराज में चल रहे कुम्भ मेला के लिए कोई उचित योजना नहीं बनाई गई थी। उन्होंने कहा, “यह ‘मृत्यु कुम्भ’ है। मैं कुम्भ का सम्मान करती हूं और पवित्र गंगा माता का भी सम्मान करती हूं, लेकिन यहां कोई योजना नहीं है। अमीरों और वीआईपी के लिए कंस (तंबू) 1 लाख रुपये तक में उपलब्ध हैं, लेकिन गरीबों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।”

ममता ने यह भी कहा कि मेलों में भगदड़ की स्थिति सामान्य होती है, लेकिन इसके लिए उचित इंतजाम किए जाने चाहिए थे। उन्होंने सवाल किया, “आपने इस गंभीर घटना को क्यों ज्यादा हाइप किया? इस पर ठीक से योजना क्यों नहीं बनाई गई? कितनी कमिशन को कुम्भ भेजा गया है घटना के बाद?”

इसके अलावा, ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि कुम्भ से मृतकों के शव बिना पोस्टमार्टम के बंगाल भेजे गए, और कहा, “वे कहेंगे कि लोग दिल के दौरे से मरे और मुआवजा देने से इनकार कर देंगे। हमने यहां पोस्टमार्टम किया क्योंकि आप शवों को मृत्यु प्रमाण पत्र के बिना भेज रहे थे। इन लोगों को मुआवजा कैसे मिलेगा?”

बीजेपी ने ममता बनर्जी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे हिंदू धर्म पर हमला बताया। बीजेपी नेता अमित मालवीया ने ममता के बयान को ‘संपूर्ण हिंदू परंपराओं के प्रति उनकी उपेक्षापूर्ण और शत्रुतापूर्ण मानसिकता’ का उदाहरण बताया। वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता सुबेंदु अधिकारी ने ममता के बयान का विरोध करते हुए हिंदू समुदाय से इसका विरोध करने की अपील की।

अमित मालवीया ने कहा, “ममता बनर्जी कभी भी अपनी वोटबैंक को साधने का मौका नहीं छोड़तीं, लेकिन जब हिंदू त्योहारों और परंपराओं की बात आती है, तो उनका रुख उपेक्षापूर्ण और शत्रुतापूर्ण हो जाता है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *