मैलोरंग का 17वां मिथिला रंग महोत्सव में कई नाटकों का मंचन, महिला कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ‘ललका पाग’ ने बांधा शमा

Many plays were staged in the 17th Mithila Rang Mahotsav of Malorang, the captivating presentation of women artists 'Lalka Paag' set the stage.चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: दिल्ली की मैलोरंग (मैथिली लोक रंग) नाट्य संस्था मैथिली रंगमंच के लिए एक स्थापित नाम बन चुका है । विगत 16 वर्षों से लगातार संस्था द्वारा ‘मिथिला रंग महोत्सव’ का आयोजन किया जाता है । इस वर्ष यह आयोजन दिनांक 02 एवं 03 सितम्बर, 2023 को दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रांगण में सम्मुख सभागार में आयोजित किया गया । आयोजन में दिल्ली की कई नाट्य संस्था भाग ले अपनी उपस्थिति दी यथा – मैलोरंग, अष्टदल कला अकादमी, जय – जोहार फॉउण्डेशन, अभिनंदन, धनार्या प्रोडक्शन आदि । इस महोत्सव के लिए संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के साथ साथ राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, संगीत नाटक अकादमी आदि ने सहयोग दिया था ।

महोत्सव में अतिथि के रूप में पहला दिन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक एवं सुविख्यात लेखक अमिताभ श्रीवास्तव, हिंदी अकादमी दिल्ली के उप-सचिव ऋषि कुमार शर्मा, एन.सी.आर.टी. भोपाल केंद्र से डॉ. अरुणाभ सौरभ आदि गनमान्य रंग व्यक्तित्व उपस्थित हुए।

आयोजन का प्रारम्भ ‘गणेश-अष्टकम्’ से हुआ जिसमें मंजूषा एवं ईशिका ने नृत्य प्रस्तुति दी । इसके बाद झांसी की रानी केन्द्रित ‘दास्तान – ए – झांसी’ रमन कुमार के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया । यह नाटक रानी लक्ष्मीवाई के जीवन पर केंद्रित है, जिसे रंगकर्मियों मे बखूबी मंचित किया। नाटक के कई दृश्य दर्शकों भावुक करने में सफल रहा । खास कर नाटक का संगीत पक्ष अत्यधिक प्रभावी रहा । आयोजन का प्रथम दिवस हिंदी रंगमंच को समर्पित था वहीं दूसरा दिन मैथिली रंगमंच के लिए ।

महोत्सव के दूसरे दिन मैथिली कथा सम्राट स्व. हरिमोहन झा लिखित सुप्रसिद्ध कथा ‘ललका पाग’ का मंचन ज्योति झा के निर्देशन में ‘जय जोहार नाट्य संस्था द्वारा किया गया । यह नाटक वर्तमान समय में दामपत्य जीवन के विच्छेदन पर प्रहार करता है । इस प्रस्तुति की खास बात यह रही कि इसमें सभी रंगकर्मी महिलाएँ ही थीं ।

Many plays were staged in the 17th Mithila Rang Mahotsav of Malorang, the captivating presentation of women artists 'Lalka Paag' set the stage.आयोजन की अंतिम प्रस्तुति प्रकाश झा के निर्देशन में ‘मीनाक्षी’ (राजनर्तकी मनकी) की रही । यह कथा 1070 ई. में मिथिला के राजा नान्यदेव तथा बंगाल के राजा बल्लालसेन के मध्य हुई लड़ाई के केंद्र विंदु पर आधारित है । इसके लेखक स्व. मन मोहन झा हैं। साथ ही आज के आयोजन में उनके पुत्र एन. एन. झा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। एक अनोखी बल्कि इतिहास में एक मात्र ऐसी लड़ाई है जिसे सिर्फ और सिर्फ दुर्लभ ग्रंथों को लूटने के लिए लड़ी गई थी ।

राजा नान्यदेव की राजनर्तकी ‘मीनाक्षी’ अपनी कौशल और बुद्धिमत्ता से मिथिला की दुर्लभ पाण्डुलिपि ही नहीं बचाती है बल्कि अपने राजा नान्यदेव का जीवन एवं मिथिला राज्य को अपनी जिंदगी की आहूति देकर सुरक्षित रख लेती है । सभी अभिनेताओं ने अपने पात्रों के साथ सुंदर समायोजन किया है । मुख्य अभिनेता रमण कुमार एवं सुरभि झा ने सभी दर्शकों को प्रभावित किया । कुल मिलाकर यह आयोजन काफी सफल रहा ।

One thought on “मैलोरंग का 17वां मिथिला रंग महोत्सव में कई नाटकों का मंचन, महिला कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति ‘ललका पाग’ ने बांधा शमा

  • September 4, 2023 at 8:35 am
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    बहुत सुन्दर समीक्षा. ❤️❤️❤️

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