बंगाली कवि काजी नजरूल इस्लाम की कविता को लेकर संगीतकार रहमान विवादों में फंसे
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: संगीतकार एआर रहमान को प्रसिद्ध बंगाली कवि काजी नजरूल इस्लाम के एक लोकप्रिय देशभक्ति गीत की प्रस्तुति पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस गाने का इस्तेमाल ईशान खट्टर और मृणाल ठाकुर अभिनीत नवीनतम बॉलीवुड फिल्म ‘पिप्पा’ में किया गया था।
दिवंगत कवि के परिवार के सदस्यों ने गीत की लय और धुनों में “विकृति” को लेकर अपना असंतोष व्यक्त किया है।
विचाराधीन गीत, ‘करार ओय लोहो कोपट’ (जेल की लोहे की सलाखें), युद्ध फिल्म ‘पिप्पा’ में दिखाया गया था, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुई वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है। इस युद्ध के कारण ही बांग्लादेश का जन्म हुआ था।
इस्लाम के पोते काजी अनिर्बान ने गाने में किए गए बदलावों पर हैरानी जताई और इसे “अन्याय” बताया। उन्होंने कहा कि हालांकि उनकी मां ने गाने को फिल्म में इस्तेमाल करने की सहमति दे दी थी, लेकिन उन्होंने धुनों में किसी भी तरह के बदलाव को मंजूरी नहीं दी थी।