‘नमामि गंगे’ का दूसरा चरण पूरा होने पर स्वच्छ, निर्मल होगी गंगा की जलधारा, सीवरेज क्षमता में भी 3,108 एमएलडी की होगी वृद्धि

'Namami Gange', the water stream of Ganga will be clean and pure, sewerage capacity will also increase by 3,108 MLD
(Pic credit: Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: गंगा में सफाई पर मचे सियासी बवाल के बीच नमामि गंगे योजना से राहत भरी खबर आयी है। नमामि गंगे का दूसरा चरण पूरा होने पर गंगा में प्रदूषण का स्तर तो कम होगा ही जलधारा भी निर्मल होगी। यही नहीं सीवरेज क्षमता में भी 3,108 एमएलडी तक की अभूतपूर्व वृद्धि होगी।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के पदाधिकारियों ने बताया कि नमामि गंगे योजना 2014 में शुरू हुई थी। इसके तहत गंगा समेत इसकी सहायक नदियों में प्रदूषण कम करने और सीवरेज क्षमता बढ़ाने पर खासा ध्यान दिया गया। जिसका नतीजा है कि नमामि गंगे मिशन के दूसरे चरण के पूरा होने तक अतिरिक्त 3,108 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) क्षमता हासिल कर ली जाएगी।

जबकि मार्च 2014 में यह क्षमता केवल 1,221 एमएलडी थी, जो मौजूदा एसटीपी के पुनर्वास और नई क्षमताओं के विकास के बाद बढ़कर 3,110 एमएलडी हो गई है।

सीपीसीबी की रिपोर्ट में सुधार के संकेत

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा गंगा नदी में प्रदूषण पर केंद्रित एक रिपोर्ट जल की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार को इंगित करती है। रिपोर्ट की मानें तो बॉयोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) की मात्रा मानक के अनुसार पायी गई। इससे स्पष्ट होता है कि नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का स्तर भी निर्धारित मानकों के भीतर है।

विशेषज्ञ ने जताया संतोष

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर और सेंटर फॉर गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट एंड स्टडीज (सी-गंगा) के संस्थापक डॉ. विनोद तारे ने बताया कि “नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सीवेज उपचार के लिए अपनाई गई सभी तकनीकें निर्धारित मानकों के अनुसार फेकल कोलीफॉर्म का उपचार करने में सक्षम हैं। इसके परिणामस्वरूप गंगा बेसिन के भीतर जलीय जीवन में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा बेहतर जल गुणवत्ता और सीवरेज बुनियादी ढांचे में सुधार ने नदी में जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में अभूतपूर्व योगदान दिया है। यही नहीं इससे गंगा डॉल्फ़िन, ऊदबिलाव और कछुओं की आबादी भी बढ़ी है।

वाराणसी में 4.5 गुना बढ़ी सीवरेज क्षमता

एनएमसीजी अधिकारियों ने बताया कि नमामि गंगे के तहत सीवरेज प्रोजेक्ट भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं। अकेले वाराणसी की ही बात करें तो एसटीपी क्षमता 2014 में 100 एमएलडी से 4.5 गुना तक बढ़ गई है। वर्तमान में 55 एमएलडी का एक अतिरिक्त एसटीपी निर्माणाधीन भी है। नमामि गंगे के तहत अब तक 38,696 करोड़ रुपये की लागत वाले 465 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *