नैनोचैनल ऑन-चिप डेटा कम्युनिकेशन और प्रोसेसिंग के क्षेत्र में ला सकते हैं क्रांति
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने बिजली द्वारा विन्यास(कॉन्फ़िगर) किए जाने वालेऐसे नैनोचैनल विकसित किए हैं, जो अवांछित ऊर्जा अपशिष्ट को खत्म कर सकते हैं और तरंग-आधारित कंप्यूटिंग को संभव बना सकते हैं। यह खोज भविष्य में ऑन-चिप डेटा कम्युनिकेशन और प्रोसेसिंग के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है।
पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक्स लॉजिक सर्किट से बना होता है, जिसमें धातु के तारों के जरिए बड़ी संख्या में ट्रांजिस्टर आपस में जुड़े होते हैं। विद्युत आवेशों द्वारा वहन किए जाने वाले डेटा को ऐसे अवांछनीय ताप का सामना करना पड़ता है, जोइसके एकीकरण घनत्व को सीमित करते हैं।
स्पिनट्रोनिक्स, जिसे स्पिन इलेक्ट्रॉनिक्सया इलेक्ट्रॉन के आंतरिक स्पिन और उसके संबंधित चुंबकीय क्षण का अध्ययन के रूप में भी जाना जाता है, अपनेबुनियादी इलेक्ट्रॉनिक आवेश के अलावा, ठोस-अवस्था (सॉलिड-स्टेट) उपकरणों में इलेक्ट्रॉन स्पिन का उपयोग करने की पेशकश करते हैं। उनका सामूहिक अग्रगमन कणों की किसी भी भौतिक गति के बिना उनके आयाम, चरण, तरंगदैर्ध्य और आवृत्ति में एन्कोडेड जानकारी को ढो सकता है, अवांछित ऊर्जा अपशिष्ट को खत्म कर सकता है और तरंग-आधारित कंप्यूटिंग को संभव बना सकता है।
इस उद्देश्य के लिए, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत एक स्वायत्त संस्थान एस. एन. बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज के प्रोफेसर अंजन बर्मन और उनके सहकर्मियों ने बिजली द्वाराफिर से विन्यास(कॉन्फ़िगर) किए गए समानांतर नैनोचैनल विकसित किए हैं, जो नैनो-संरचना वाले तत्वों मेंस्पिन तरंगों के व्यवहार को व्यवस्थित करते हैं। उन्होंने ऐसा समय-समय पर उस गुण को अनुकूल बनाकर किया है, जो एक सिस्टम के स्पिन पर एक मनचाही दिशा प्रदान करता है और जिसे विद्युत क्षेत्र का उपयोग करने वालाअनिसोट्रॉपी भी कहा जाता है— तकनीकी रूप से वोल्टेज-नियंत्रित चुंबकीय अनिसोट्रॉपी का सिद्धांत कहा जाता है। यह शोध’साइंस एडवांसेज’ नाम की पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
हाल के शोध में, स्पिन-तरंगों को इन नैनोचैनलों के जरिए कुशलता से स्थानांतरित किया गया और इसे ‘चालू’ और ‘बंद’ किया जा सका और इसके परिमाण को कुछ वोल्ट के अल्प वोल्टेज की सहायतासे बदल दिया गया। इस शोध में संलग्नटीम का मानना है कि भविष्य में, इन नैनो चैनलों को ऑन-चिप मल्टीप्लेक्सिंग उपकरणों के विकास की दिशा में डिज़ाइन किए गए समानांतर चैनलों के माध्यम से आवृत्तियों के विशिष्ट बैंड को स्थानांतरित करने के लिए आगे तैयार किया जा सकता है।