अविश्वास प्रस्ताव: क्या राजनीतिक दल ‘अदाणी’ का इस्तेमाल अपनी सुविधाओं के लिए कर रहे हैं?

No Confidence Motion: Are political parties using 'Adani' for their own convenience?चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: भारत की राजनीति में अभी एक नाम जो सभी पार्टियों की जुबान पर है वह अदाणी कंपनी का है। कांग्रेस सहित विपक्ष की सभी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पिछले कई सालों से अदाणी कंपनी को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहा है। जबकि बीजेपी नेताओं ने भी कांग्रेस पर अदाणी कंपनी का अपने हित में इस्तेमाल का आरोप लगाया है।

ताजा मामला संसद में चल रहे अविश्वास प्रस्ताव का है। अविश्वास प्रस्ताव पर किसी भी नेता का भाषण बिना अदाणी का नाम लिए पूरा नहीं होता।

अदाणी समूह ने खुद को अविश्वास मत पर राजनीतिक दलों के बीच फंसा हुआ पाया, जिसमें भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर कंपनी का पक्ष लेने का आरोप लगा रहे हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा गौतम अदाणी के कारोबार के प्रति मोदी सरकार पर पक्षपात का आरोप फिर से लगाए जाने के बाद, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इसका जोरदार ढंग से बचाव किया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने आदिवासियों की जमीन अदाणी कंपनी को सौंप दी। शायद यह पहली बार हुआ है जब संसद में किसी बीजेपी मंत्री ने अदाणी कंपनी को लेकर ऐसी बात कही है।

ईरानी ने कहा, “आदिवासी विरोध करते रहे, फिर भी उनकी जमीन अदाणी को दे दी गई। उन्होंने मुंद्रा बंदरगाह के निर्माण के लिए हरी झंडी से लेकर कांग्रेस और अन्य गैर-भाजपा सरकारों द्वारा कथित तौर पर अदाणी समूह को दिए गए “फायदों” का जिक्र किया।

“ये लोग अदाणी-अदाणी का राग अलाप रहे हैं। मैं भी इस पर कुछ बातें कहना चाहती हूं… 1993 में कांग्रेस ने मुंद्रा पोर्ट में अदाणी को जगह दी… यूपीए शासन के दौरान उन्होंने अदाणी को 72,000 करोड़ रुपये का लोन दिया। कांग्रेस शासन के दौरान विभिन्न राज्यों में बंदरगाहों का काम अदाणी को क्यों दिया गया?”

स्मृति ईरानी ने राजस्थान, डीएमके शासित तमिलनाडु और ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में अदाणी परियोजनाओं का भी जिक्र किया।

केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने गौतम अदाणी के साथ राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा की तस्वीर भी दिखाई।

“मेरे पास भी फोटो है,” उन्होंने तस्वीर दिखाते हुए कहा।

इससे पहले राहुल गांधी ने एक बार फिर अदाणी ग्रुप का मुद्दा उठाया था।

“पिछली बार जब मैंने बात की थी, तो मैंने आपको दर्द भी दिया था। मैंने अदाणी जी पर इतनी तीव्रता से ध्यान केंद्रित किया, आपके वरिष्ठ नेताओं को दुख हुआ। उस दर्द ने आपको भी प्रभावित किया, इसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं,” गांधी ने स्पीकर ओम बिरला को संबोधित करते हुए कहा।

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