वुहान नहीं बल्कि इस देश में सबसे पहले कोरोना ने दी थी दस्तक़, हुआ बड़ा खुलासा
अभिषेक मल्लिक
नई दिल्ली: कोरोना का क़हर अभी भी दुनियाभर में जारी है, इसके रोज बढ़ते आंकड़े डराने वाला है। हालांकि अब कई देशों में कोरोना का रिकवरी रेट पहले के मुकाबले अच्छा हुआ है, इससे लोग अब ठीक भी हो रहे हैं। इसने हमें एक नए दौर में जीना सीखा दिया, इसलिए इसे इतिहास में भी याद रखा जाएगा।
कोरोना वायरस के बारे में कहा जाता है कि ये चीन के वुहान शहर के एक लैब से शुरू हुआ और दुनियां भर में तबाही मचा दी। लेकिन शोधकर्ताओं का कोरोना को लेकर किए जा रहे दावे ने लोगों को चौंकाया है। अब एक स्टडी में यह दावा किया जा रहा है कि वुहान से करीब नौ महीना पहले ही ये वायरस स्पेन में पाया गया था। दुनियाभर में अभी तक लोग यही मानते थे कोरोना चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ है, लेकिन इस स्टडी और शोध के बाद दावे से कहा जा रहा है कि इसकी शुरुआत स्पेन से हुई थी।
आपको बता दे कि स्पेन की बार्सिलोना यूनिवर्सिटी में कोरोना पर चल रहे रिसर्च में वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। वैज्ञानिकों का साफ तौर पर कहना है कि ये वायरस सबसे पहले स्पेन के सीवेज के पानी में मार्च 2019 में ही पाई गई थी। लेकिन जबसे वुहान में इसका विस्पोट हुआ तब से ये सुर्खियों में आया। जिससे बाद लोगों भी लगने लगा कि कोरोना की शुरुआत वुहान शहर से हुई है।
लेकिन इस रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि स्पेन के सीवेज वाटर में वायरस मिलने के करीब नौ महीने बाद दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला था. उसके बाद चीन से जब एक के बाद एक कोरोना से हो रही मौत का वीडियो सामने आने लगा फिर ये सुर्खियों में आया। अपनी बदनामी के डर से चीन इसे छुपाना चाह रहा था, हालांकि चीन ने इसे छुपाने की भी बहुत कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
वहराल स्पेन के वैज्ञानिकों का यह दावा कोरोना वायरस की उत्पत्ति स्थल को लेकर एक भारी बहस की शुरुआत कर सकता है, जिसके बाद कई सवाल अपने आप उठते हैं।
रिसर्च के बाद बताया गया कि बर्सिलोना में 12 मार्च 2019 को कोरोना संक्रमण मिला था। इस रिसर्च में जनवरी 2018 से दिसंबर 2019 के बीच स्पेन के अलग-अलग शहरों में जमे हुए पानी या व्यर्थ जल को लेकर परीक्षण किया गया, जिसके बाद उनका विश्लेषण भी किया गया। इन्हीं सभी नमूनों में से शोधकर्ताओं को एक नमूने में वायरस मिला। हालांकि आधिकारिक रूप से स्पेन में कोरोना संक्रमण का पहला मामला फरवरी 2020 में आया था। वहीं, इस स्टडी में वैज्ञानिकों को गंदे पानी में निम्न स्तर का कोरोना का जिन मिला है। फ़िलहाल जिस पानी मे कोरोना का जीन मिला उसकी तारीख 12 मार्च 2019 ही बताई जा रही है, जो स्पेन के बर्सिलोना शहर से लिया गया था। फिलहाल इस दावे ने बहुत से लोगों को हैरान कर दिया है।
इस दावे ने अपने आप मे कई सवाल पैदा कर दिया है। खैर अभी के हालात में कोरोना से बचने के लिए लोग डॉक्टरों द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का पालन कर रहें हैं। कोरोना का बाजारों में कई दवाई भी हैं लेकिन अभी तक किसी कंपनी ने 100 फीसदी ठीक होने का दावा नहीं किया है।