संसद में विपक्ष का विरोध, भारतीयों की अमानवीय तरीके से अमेरिका से निर्वासन पर विदेश मंत्री ने दी सफाई
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: अमेरिका द्वारा भारतीय नागरिकों के “अमानवीय तरीके” से निर्वासन को लेकर संसद में विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस मुद्दे पर राजीव सभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि अमेरिकी प्रशासन की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत यह कदम उठाया गया था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्वासित पुरुषों को हथकड़ी और बेड़ी में जकड़ा गया था, जबकि महिलाओं और बच्चों को इस प्रकार की कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई।
जयशंकर ने विपक्ष को आश्वासन दिया कि भारत अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ बातचीत कर रहा है ताकि निर्वासित भारतीयों के साथ किसी प्रकार की दुर्व्यवहार न हो। उन्होंने बताया कि अमेरिका के इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा निर्वासन की प्रक्रिया 2012 से चल रही है, जिसमें “हथकड़ी” का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन महिलाओं और बच्चों को नहीं बांधा जाता।
विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि निर्वासितों को 10 घंटे की उड़ान के दौरान भोजन और दवाइयां दी गईं और यदि जरूरत पड़ी तो शौचालय की ब्रेक के दौरान उन्हें अस्थायी रूप से मुक्त किया गया। उन्होंने इस मुद्दे पर भारत सरकार का ध्यान अवैध आप्रवासन की रोकथाम की दिशा में और अधिक कड़ी कार्रवाई पर केंद्रित रखने की आवश्यकता जताई।
इस बीच, कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल और अन्य विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध स्वरूप “हाथकड़ी” पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, लोकसभा में भी विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी की और इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इसे भारत का अपमान करार दिया और कहा, “हम इस तरह से निर्वासित किए जाने का विरोध करते हैं। यह भारत और भारतीयों की गरिमा के खिलाफ है।”