ओरिएंटक्राफ्ट ने ऋण मुक्त स्थिति की घोषणा की, विकास के लिए झारखंड अगला ठिकाना
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: वस्त्र निर्माण एवं निर्यात उद्योग में भारत की अग्रणी कंपनीओरिएंटक्राफ्ट लिमिटेड ने आज 100% ऋण-मुक्त स्थिति की घोषणा की है। कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई), एचडीएफसी और यस बैंक सहित 11 बैंकों के एक समूह के साथ मिलकर 850 करोड़ रुपये के कुल कर्ज का भुगतान करने के लिए अपनी मार्की भूमि और कारखाने की संपत्ति का सफलतापूर्वक मॉनेटाइज़ेशन किया है।
इसने कोविड महामारी से हुए वित्तीय घाटे के बाद ‘वन टाइम रीस्ट्रक्चरिंग’ के संकल्प को पूरा किया। ओरिएंटक्राफ्टने अपनी इच्छा से गैर-बंधक संपत्तियों का मुद्रीकरण करकेएवं बिना किसी कटौती के बकाया राशि का भुगतान किया है। इन प्रयासों की बैंकिंग कंसोर्टियम के सदस्यों द्वारा सराहना की गई है।
ओरिएंट क्राफ्ट अब नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) की स्थिति से मुक्त हो चुका है और अपने संस्थापक, अध्यक्ष और एमडी, सुधीर ढींगरा के नेतृत्व में अपने बिज़नेस पुनर्निर्माण पर फोकस कर रहा है। ओरिएंट क्राफ्ट एक नए अवतार के रूप में वस्त्र निर्माण और निर्यात में अपनी विरासत को जारी रखेगा जो अब रांची (झारखंड) में स्थापित होगा।
यह एक विशाल एवं विश्व स्तरीय, अत्याधुनिक और देश में इस प्रकार का पहला सेट अप है। यह 3.5 लाख वर्ग फुट उत्पादन क्षमता के साथ एक पूर्णतः एकीकृत विनिर्माण परिसर है, जिसमें 2500+ मशीनें हैं जो डबल शिफ्ट में प्रभावी रूप से 5000+ मशीनों का काम करती हैं। इसमें कढ़ाई, धुलाई और छपाई जैसी इन-हाउस एकीकृत सुविधा उपलब्ध हैं, जो 1200 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व अर्जित करने में सक्षम हैं।
ओरिएंट क्राफ्ट के विकास पर अपने दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए संस्थापक, अध्यक्ष और एमडी सुधीर ढींगरा ने बताया, “बैंकों और अन्य सभी व्यावसायिक स्टेकहोल्डरस के प्रति हमारी वित्तीय प्रतिबद्धताओं की हाल ही में हुई पूर्ति से हमारे व्यवसाय को प्रोत्साहन मिला है। ओरिएंट क्राफ्ट में हम हमेशा वित्तीय संस्थानों और समकक्ष बिज़नेस के साथ दीर्घकालिक साझेदारी पर केंद्रित मजबूत व्यावसायिक नैतिकता पर विश्वास करते हैं। वित्तीय तनाव को पीछे छोड़ते हुए हम आने वाले वर्षों में तरक्की के अपार अवसर देख रहे हैं।
यह एक उपयुक्त समय है जब परिधान निर्यात उद्योग कई दशकों के विकास के उच्च शिखर पर है। सुधीर ने कहा कि कोविड के बाद दुनिया भर के फैशन ब्रांड भारत से सोर्सिंग बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के साथ हाल ही में हुआ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए), और यूके और यूरोपीय संघ के साथ एफटीए भी व्यापार विकास के अवसर पैदा करेगा।”
पांच दशकों से अधिक समय तक भारत में अपनी उपस्थिति के बाद भारतीय परिधान निर्यात उद्योग का कुलआकार 16 बिलियन** डॉलर है जबकि वैश्विक परिधान बाजार***1.36 ट्रिलियन डॉलर है। कुछसंरचनात्मक बदलाव और नियामक समर्थन के साथ भारत 2027**** तक इस आकार को दोगुना करके 30 बिलियन डॉलर करने के लिए तैयार है। ओरिएंटक्राफ्ट,रांची (झारखंड) में अपनी नई फैसिलिटी के माध्यम से इस अवसर का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने का लक्ष्य रखता है।
2024 में भारत में टेक्सटाइल और वस्त्र उद्योग देश की जीडीपी में लगभग 2.3% का योगदान दिया है। भारत सरकार की कपड़ा उद्योग के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, जिसमें वैश्विक कपड़ा बाजार का एक बड़ा हिस्सा हासिल करना महत्वपूर्ण है। इसका लक्ष्य है कि निर्यात में 45 बिलियन डॉलर से 100 बिलियन डॉलर की वृद्धि की जाए।
ओरिएंट क्राफ्ट इस अवसर को समझते हुए यह फोकस करता है कि उद्योग में कुशल कर्मियों को लाया जाए और इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे और कुशल प्रतिभा में निवेश किया जाए।