पप्पू यादव का ऐलान, कांग्रेस के सिंबल पर ही पूर्णिया लोकसभा सीट पर लड़ेंगे चुनाव
चिरौरी न्यूज
पटना: बिहार में एक कहावत है, चौबे गए छब्बे बनने, दुबे बन कर आए। पप्पू यादव के साथ यही हो गया है। सूत्रों के अनुसार राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपना वीटो लगाकर पप्पू यादव की पूर्णिया लोकसभा सीट से टिकट काट दी।
गठबंधन के तहत पूर्णिया सीट कांग्रेस को नहीं मिली, लेकिन पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करते समय यही शर्त रखी थी कि उन्हें पूर्णिया सीट से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जाए। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक यह तय भी हो गया था।
पप्पू यादव ने भी दावा किया था कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्हें पूर्णिया से टिकट देने का आश्वासन दिया था।
लेकिन सूत्रों ने कहा कि लालू यादव ने कांग्रेस के बड़े नेताओं, संभवतः राहुल गांधी और सोनिया गांधी से बात कर पूर्णिया और बेगूसराय सीट राजद और वामपंथी पार्टी के लिए मांग ली। अब इससे ना तो पप्पू यादव और ना ही कन्हैया कुमार कांग्रेस के इन जगहों से उम्मीदवार बन सकेंगे।
कुछ दिन पहले अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले पप्पू यादव ने कहा कि वह पूर्णिया निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, जिससे बिहार में इंडिया गुट के भीतर एक स्पष्ट विवाद सामने आ गया है।
यादव की टिप्पणी तब आई जब महागठबंधन या विपक्षी गठबंधन के तहत राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पूर्णिया से बीमा भारती को अपना उम्मीदवार घोषित किया, जो उनका मूल स्थान है। 56 वर्षीय नेता के 2 अप्रैल को अपना नामांकन दाखिल करने की संभावना है।
गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में अपनी असहमति व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “मैं पूर्णिया सीट से कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ूंगा और लोग कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करेंगे।”
यादव ने कहा, “मैं नामांकन दाखिल करूंगा। पार्टी नेतृत्व की प्रतिक्रिया आने दीजिए। पूर्णिया के लोगों ने कहा है कि ‘पप्पू उनका बेटा है, वह कहीं नहीं जाएगा। मुझे (जनता के) आदेश का पालन करना होगा।”
19 अप्रैल से 1 जून तक होने वाले लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 20 मार्च को यादव की जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) का औपचारिक रूप से कांग्रेस में विलय हो गया।
राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने शुक्रवार को सीट-बंटवारे के लिए अपने फॉर्मूले की घोषणा की।
राजद 26 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो 2019 में लड़ी गई सीटों से नौ अधिक है। कांग्रेस को नौ सीटें मिली हैं, जितनी उसने पिछले चुनाव में लड़ी थीं, उसके बाद सीपीआई (एमएल) लिबरेशन (तीन) और सीपीआई और सीपीआई (एम) को एक-एक सीट मिली है।
2019 के लोकसभा चुनावों में, राजद को कोई सीट नहीं मिली, जबकि कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही।