पर्थ टेस्ट: जसप्रीत बुमराह का पलटवार, पहले दिन 17 विकेट गिरे
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले दिन का मुकाबला ओप्टस स्टेडियम में एक शानदार टेस्ट मैच के रूप में सामने आया। पहले ही ओपनिंग राउंड में ऑस्ट्रेलिया ने पहला प्रहार किया, लेकिन जसप्रीत बुमराह की आक्रामक गेंदबाजी ने भारत को एक करारा जवाब दिया और पहले दिन के खेल के अंत तक भारत को खेल में बढ़त दिलवायी।
दोनों टीमों की विश्व स्तरीय तेज गेंदबाजी के बीच मुकाबला काफी रोमांचक रहा। पिच पर तेज, सीम और बाउंस की खासी मदद मिल रही थी, जिससे बल्लेबाजों, विशेष रूप से विराट कोहली और स्टीव स्मिथ के लिए रन बनाना मुश्किल हो गया था। पहले दिन में 17 विकेट गिरे, लेकिन खेल खत्म होने तक भारत को ही खुशी का पल मिला।
भारत की बल्लेबाजी पूरी तरह से चकनाचूर हो गई और टीम महज 150 रनों पर सिमट गई, लेकिन इसके बाद भारत के तेज गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को 27 ओवर में 67 रन पर 7 विकेट गिरा दिए। जसप्रीत बुमराह ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए चार विकेट लिए। उन्होंने स्टीव स्मिथ और उस्मान ख्वाजा के विकेटों की सटीक पकड़ बनाई और विपक्षी टीम को बड़ा झटका दिया।
बुमराह ने तीन तेज स्पेल किए और लगातार विकेट निकालने के लिए हर गेंद पर आक्रमण किया। उनके बेहतरीन खेल ने साबित कर दिया कि क्यों वे इस समय के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज माने जाते हैं। उनका जादुई स्पैल युवा खिलाड़ी नाथन मैकस्वीनी के लिए भी भारी साबित हुआ, जिनको बुमराह ने तीसरी ओवर में LBW आउट किया।
ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों में मर्णस लाबुशेन का संघर्ष ज्यादा नजर आया। लाबुशेन ने कहा था कि वे चेतेश्वर पुजारा की तरह खेलकर भारतीय गेंदबाजों को थका देंगे, लेकिन उनका यह तरीका उल्टा पड़ा। उन्होंने 52 गेंदों में सिर्फ 2 रन बनाए।
ट्रैविस हेड, जो भारत के लिए पहले भी चुनौती बने थे, इस बार भी युवा गेंदबाज हर्षित राणा के सामने असफल रहे। राणा ने शानदार गेंदबाजी करते हुए उन्हें आउट किया। मोहम्मद सिराज ने भी अपनी गेंदबाजी से अहम विकेट निकाले, मर्णस लाबुशेन और मिशेल मार्श को पवेलियन भेजा।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से विकेटकीपर एलेक्स केरी (19) और मिचेल स्टार्क (6) स्टंप्स तक नाबाद थे। अब ऑस्ट्रेलिया को अगले दिन भारत के पहले इनिंग के स्कोर के करीब पहुंचने के लिए अच्छा खेल दिखाना होगा।
दिन के शुरुआत में भारतीय बल्लेबाजों की हालत भी ठीक नहीं थी। हाल ही में नवंबर में घर पर 0-3 से हार झेलने के बाद भारतीय बल्लेबाजों में आत्मविश्वास की कमी नजर आ रही थी।
भारत के लिए यशस्वी जायसवाल ने तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क के खिलाफ 8 गेंदों में खेलकर जो अनुभव प्राप्त किया, वह उनके लिए महत्वपूर्ण था। बुमराह ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन भारत की शीर्ष क्रम की बल्लेबाजी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई।
केएल राहुल को छोड़कर, भारतीय बल्लेबाजों ने अपनी भूमिका को ठीक से निभाया। देवदत्त पडिक्कल को अपनी टेस्ट टीम में वापसी करते हुए 23 गेंदों में 0 पर आउट होना पड़ा। विराट कोहली भी कुछ खास नहीं कर पाए और जोश हेजलवुड की गेंद पर 5 रन के निजी स्कोर पर स्लिप में कैच हो गए।
ऋषभ पंत ने कुछ शानदार शॉट्स खेले और 37 रन बनाए, लेकिन वह अपनी पारी को आगे नहीं बढ़ा पाए और जल्द ही आउट हो गए। उनके विकेट के साथ ही भारत की 7वीं विकेट के लिए 48 रन की साझेदारी का अंत हो गया।
नितीश रेड्डी ने अपनी शानदार बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया और 41 रन बनाए। यह युवा खिलाड़ी दबाव में रहते हुए भी खेल का सही तरीका अपनाता नजर आया।