2025 तक भारतीय रसायन उद्योग में 8 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजनाः सदानंद गौड़ा
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने नई दिल्ली में “भारतः रसायन और पेट्रो रसायन के लिए वैश्विक विनिर्माण हब” की थीम पर इंडिया केम के 11वें संस्करण का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ा रहा है, और इस क्षेत्र में साल 2025 तक 8 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है।
अपने भाषण के दौरान, सदानंद गौड़ा ने इस बात की भी सराहना की कि विभाग और फिक्की ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने आगे कहा कि रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग में हो रही बढ़ोतरी प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण में भी योगदान दे रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों के लिए 12 पीएलआई योजनाओं को लॉन्च किया है जो कि प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से रसायन क्षेत्र को लाभ पहुंचाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इस क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है और साल 2021-22 के बजट में नेफ्था पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 4.0% से घटाकर 2.5% कर दिया गया है।
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में रसायन एवं पेट्रो रसायन विभाग के सचिव योगेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। इंडिया केम-2021 का दृष्टिकोण भारत को रसायन और पेट्रो रसायन हब के रूप में स्थापित करने के अवसर का लाभ उठाने का है।
उन्होंने औद्योगिक कॉरिडोर्स, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन, प्रतिस्पर्धात्मक तनख्वाह की दरों से भारत को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देने जैसे विभिन्न कारकों पर प्रकाश डाला।
ओडिशा सरकार के उद्योग, एमएसएमई, ऊर्जा और गृह मंत्री कैप्टन दिब्या शंकर मिश्रा ने जोर देते हुए कहा कि ओडिशा निवेश डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है और अगर ओडिशा में निवेश किया जाता है तो यहां का इकोसिस्टम ऐसा है जिससे कि निवेशकों को लाभ मिलेगा। कंपनियों को राज्य में सेटअप और व्यापार करने की सुविधा देने के लिए, ओडिशा ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस फ्रेमवर्क के कार्यान्वन के संदर्भ में कई पहलें की हैं।
आंध्र प्रदेश सरकार के उद्योग, निवेश, अवसंरचना, वाणिज्य और आईटी मंत्री मेकपति गौतम रेड्डी ने कहा कि रसायन और पेट्रो रसायन उद्योग के लिए आंध्र प्रदेश पसंदीदा स्थान है। उन्होंने पेट्रो रसायन उद्योग को बढ़ावा देने हेतु प्रभावी कदम उठान के लिए भारत सरकार की सराहना भी की। कार्यक्रम के दौरान एक वैश्विक सीईओ गोलमेज बैठक भी हुई जिसमें भारत में उपलब्ध निवेश के विभिन्न अवसरों के बारे में चर्चा की गई।