प्रधानमंत्री मोदी 25 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश की यात्रा पर जायेंगे

PM Modi to visit Uttar Pradesh on October 25चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली:

  • प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएमएएसबीवाई) का शुभारंभ करेंगे
  • पीएमएएसबीवाई पूरे भारत की स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना को मज़बूत करने  संबंधी देश की सबसे बड़ी योजनाओं में एक होगी
  • पीएमएएसबीवाई का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना में मौजूद महत्वपूर्ण कमियों को दूर करना है
  • 5 लाख से अधिक आबादी वाले सभी जिलों में गहन चिकित्सा (क्रिटिकल केयर) सेवाएं उपलब्ध होंगी
  • सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जायेंगी
  • नेशनल इंस्टिट्यूशन ऑफ वन हेल्थ,4 नए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान स्थापित किए जाएंगे
  • आईटी सक्षम रोग निगरानी प्रणाली विकसित की जाएगी
  • प्रधानमंत्री यूपी में नौ मेडिकल कॉलेजों का भी उद्घाटन करेंगे
  • प्रधानमंत्री वाराणसी के लिए 5200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 25 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश की यात्रा पर जायेंगे। प्रधानमंत्री लगभग 10.30 बजे सिद्धार्थनगर में उत्तर प्रदेश के नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री दोपहर करीब 1.15 बजे वाराणसी में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना का शुभारंभ करेंगे। वे वाराणसी के लिए 5200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (पीएमएएसबीवाई) पूरे भारत की स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना को मज़बूत करने संबंधी देश की सबसे बड़ी योजनाओं में एक होगी। यह योजना,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगी।

पीएमएएसबीवाई का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विशेषकर गहन चिकित्सा (क्रिटिकल केयर) सुविधाओं तथा प्राथमिक देखभाल संबंधी सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना में मौजूद कमियों को दूर करना है। यह योजना विशेष रूप से चिन्हित 10 राज्यों के 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को समर्थन प्रदान करेगी। इसके अलावा, सभी राज्यों में 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

5 लाख से अधिक आबादी वाले देश के सभी जिलों में एक्सक्लूसिव क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक के माध्यम से गहन चिकित्सा (क्रिटिकल केयर) सेवाएँ उपलब्ध होंगी, जबकि शेष जिलों को रेफरल सेवाओं के माध्यम से कवर किया जाएगा।

देश भर में प्रयोगशालाओं के नेटवर्क के माध्यम से लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में नैदानिक ​​सेवाओं की एक पूरी श्रृंखला की सुविधा मिलेगी। सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।

पीएमएएसबीवाईके तहत, नेशनल इंस्टिट्यूशन ऑफ वन हेल्थ, 4 नए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, डब्लूएचओ दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान प्लेटफार्म, 9 जैव सुरक्षा स्तर III प्रयोगशालाएँ तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों में 5 नए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

पीएमएएसबीवाई का लक्ष्य ब्लॉक, जिला, क्षेत्रीय और मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क विकसित करके एक आईटी सक्षम रोग निगरानी प्रणाली का निर्माण करना है। सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को जोड़ने के लिए एकीकृत स्वास्थ्य सूचना पोर्टल का विस्तार सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में किया जाएगा।

पीएमएएसबीवाईका उद्देश्य 17 नई सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों का संचालन करना और प्रवेश-बिंदुओं पर 33 मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों को मजबूत करना है, ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों तथा रोग के प्रकोपों ​​​​का प्रभावी ढंग से पता लगाया जा सके, जांचव रोकथाम की जा सके और मुकाबला किया जा सके। यह किसी भी सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक अग्रिम पंक्ति के प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों को तैयार करने की दिशा में भी कार्य करेगा।

उद्घाटन किए जाने वाले नौ मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थनगर, एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर जिलों में स्थित हैं। केंद्र प्रायोजित योजना के तहत “जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना” के लिए 8 मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं और जौनपुर में एक मेडिकल कॉलेज को राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों के माध्यम से स्थापित किया गया है तथा इसका संचालन भी शुरू हो गया है।

केंद्र प्रायोजित योजना के तहत पिछड़े और आकांक्षी जिलों के साथ-साथ उन जिलों को वरीयता दी जाती है, जहां सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं। इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता में वृद्धि करना, मेडिकल कॉलेजों के वितरण में मौजूदा भौगोलिक असंतुलन में सुधार करना और जिला अस्पतालों की मौजूदा अवसंरचना का प्रभावी ढंग से उपयोग करना है। योजना के तीन चरणों के अंतर्गत, देश भर में 157 नए मेडिकल कॉलेज मंजूर किए गए हैं, जिनमें से 63 मेडिकल कॉलेजों का पहले से ही संचालन किया जा रहा है।

कार्यक्रम में यूपी की राज्यपाल और मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी उपस्थित रहेंगे।

 

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