राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आपातकाल को ‘असंवैधानिक’ बताया: ‘देश अराजकता में डूब गया था’

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाए गए आपातकाल को संविधान पर “सबसे बड़ा हमला” बताया और इसे देश के इतिहास का “सबसे काला अध्याय” बताया।
आम चुनावों के बाद 18वीं लोकसभा के गठन के बाद संसद को दिए अपने पहले संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आपातकाल के दौरान देश अराजकता में डूब गया था और लोकतंत्र को “कलंकित” करने के प्रयासों की सभी को निंदा करनी चाहिए।
उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा सदस्यों की जय-जयकार और विपक्ष के विरोध के बीच कहा, “आपातकाल संविधान पर सीधे हमले का सबसे बड़ा और काला अध्याय था। आपातकाल के दौरान पूरा देश अराजकता में डूब गया था, लेकिन देश ऐसी असंवैधानिक शक्तियों के खिलाफ विजयी हुआ।”
राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे लोकतंत्र को कलंकित करने के हर प्रयास की सभी को निंदा करनी चाहिए। विभाजनकारी ताकतें लोकतंत्र को कमजोर करने, देश के भीतर और बाहर से समाज में खाई पैदा करने की साजिश कर रही हैं।”