गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैभव शिखर सम्मेलन का करेंगे उद्घाटन
शिवानी रज़वारिया
2 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाया जाता है और आज इसी दिन को एक और महान आत्मा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म हुआ था। इस शुभ दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जयंती पर वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक (वैभव) शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय से एक बयान जारी कर इस शिखर सम्मेलन के बारे में जानकारी दी गई और इसके मूल उद्देश्य के बारे में बताया गया है। इस सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय मूल के दिग्गजों को एक मंच पर लाना है जो दुनियाभर की अकादमिक और शोध संस्थाओं से जुड़े हैं।यह सम्मेलन वैश्विक और प्रवासी भारतीय अनुसंधानकर्ताओं और शिक्षाविदों को एक मंच प्रदान करता है।
यह सम्मेलन 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलेगा जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कांफ्रेंस के जरिए करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट भी किया है और लिखा,वैभव शिखर सम्मेलन में भाग लेने को उत्सुक हूं।यह सम्मेलन भारतीय मूल के वैश्विक वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को साथ लाता है। दो अक्टूबर की शाम 6:30 बजे आप भी हमारे साथ जुड़िए।”एक महीने चलने वाले इस सम्मेलन में 55 देशों के भारतीय मूल के 3000 से अधिक वैज्ञानिक, शिक्षाविद और 10 हजार से अधिक प्रवासी वैज्ञानिक और शिक्षाविद शामिल होंगे।
इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन को प्रभावशाली तरीके से लागू करने के लिए सभी ग्राम प्रधानों और सरपंचों को एक पत्र लिखा है। प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा,किस प्रकार से जनभागीदारी से इस मिशन ने इतिहास रच दिया है। इस मिशन के माध्यम से जलापूर्ति की समस्या का न केवल समाधान होगा, बल्कि जल जनित रोगों जैसे हैजा, पेचिश, दस्त, इंसेफेलाइटिस, टाइफाइड आदि से निपटने में भी सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने लोगों और ग्राम पंचायतों से जल जीवन मिशन को एक जन आंदोलन बनाने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी का यह पत्र कोरोना महामारी से जूझते समय में आया है।जबकि पूरा देश महामारी से निपटने के साथ साथ आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। पत्र में सड़क, आवास, शौचालय, गैस कनेक्शन, बिजली, बैंक खाता और सभी लोगों को पेंशन प्रदान करने की दिशा में केंद्र सरकार की ओर से पिछले छह वर्षों में किए गए प्रयासों का उल्लेख किया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह से जल जीवन मिशन अपने आप में एक कार्यक्रम के रूप में उभरा है जिसमें योजना, कार्यान्वयन, संचालन और रख-रखाव की भूमिका गांव के समुदायों में निहित है जिसके द्वारा प्रत्येक घर तक पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।