राफेल नडाल ने टेनिस को अलविदा कहा, आखिरी मैच में हार के बावजूद दिखाया संघर्ष

Rafael Nadal said goodbye to tennis, showed struggle despite losing the last match
(File Pic: Madrid Open/Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: टेनिस के महान खिलाड़ी राफेल नडाल ने 19 नवंबर, मंगलवार को अपने करियर का आखिरी मैच खेला। स्पेन के माला का में घरेलू मैदान पर हजारों प्रशंसकों के सामने नडाल ने अपने करियर के इस शानदार अध्याय को समाप्त किया। उनका यह अंतिम मुकाबला डेविस कप फाइनल्स के क्वार्टर फाइनल में नीदरलैंड्स के खिलाफ था, जिसमें नडाल की टीम 2-1 से हार गई।

नडाल की आखिरी हार के बावजूद उनकी आँखों में आंसू थे, और उन्होंने कोर्ट पर कदम रखते हुए अपने प्रशंसकों का दिल से आभार व्यक्त किया। “राफा, राफा” के गगनभेदी नारों के बीच नडाल ने अपनी करियर की यात्रा और सफलता पर विचार करते हुए कहा, “टाइटल और नंबर तो लोग जानते हैं, लेकिन मुझे इस तरह याद रखा जाए कि मैं एक अच्छा इंसान था, यह मुझे ज्यादा मायने रखता है।”

नडाल ने इस साल के शुरुआत में अपने संन्यास का ऐलान किया था, यह सुनिश्चित करते हुए कि वह डेविस कप फाइनल्स के बाद खेल से अलविदा ले लेंगे। अपने आखिरी मैच में भी उनकी लड़ाई हार के बावजूद प्रेरणादायक रही।

उन्होंने कोर्ट पर अपनी प्रसिद्ध “न कभी हार मानने वाली” मानसिकता दिखाई। नडाल ने पहला सेट अच्छा खेला और 4-3 की बढ़त बनाई, लेकिन नीदरलैंड्स के बोटिक वैन डे जैंडस्चुल्प ने उनका सर्विस ब्रेक कर पहले सेट को 6-4 से जीत लिया। दूसरे सेट में भी ऐसा ही हुआ, जहाँ नडाल ने हार मानने की बजाय संघर्ष किया, लेकिन वह सेट 6-4 से हार गए और मुकाबला सीधे सेटों में 4-6, 4-6 से हार गए।

नडाल ने मैच के बाद कहा, “किसी तरह यह सही है कि मेरी आखिरी हार भी डेविस कप में हो—मैंने डेविस कप में अपना पहला मैच भी हारने के साथ शुरू किया था, और आज भी यही हुआ। तो, अब सर्कल पूरा हो गया।”

हालांकि नडाल ने पिछले कुछ सालों में घुटने और हिप की चोटों से संघर्ष किया, फिर भी उन्होंने अपनी आखिरी जंग में अपनी लाजवाब फॉर्म के कुछ पल दिखाए।

राफेल नडाल ने अपने करियर में कुल 22 ग्रैंड स्लैम पुरुष सिंगल्स टाइटल्स जीते हैं, जिसमें 14 बार फ्रेंच ओपन का खिताब, चार बार यूएस ओपन और दो बार ऑस्ट्रेलियन ओपन शामिल हैं। उन्होंने 24 साल की उम्र में करियर ग्रैंड स्लैम पूरा किया और बाद में डबल करियर ग्रैंड स्लैम भी हासिल किया। उनकी फ्रेंच ओपन में रिकॉर्ड 14-0 की फाइनल जीत और कुल 112-4 की रिकॉर्ड जीत ने उन्हें ‘किंग ऑफ क्ले’ का तमगा दिलाया।

नडाल अपने करियर के अंतिम दिन भी अपनी विनम्रता और संघर्ष के प्रतीक बने, और उनका यह जुझारू रवैया हमेशा के लिए टेनिस प्रेमियों के दिलों में बना रहेगा।

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