राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी राष्ट्रीय राजमार्ग-925ए पर विमानों की आपातकालीन लैंडिंग सुविधा का करेंगे उद्घाटन
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ईएलएफ) का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वे नौ सितंबर, 2021 को राजस्थान के बाड़मेर के दक्षिण में गांधव-बाखासर सेक्शन (राष्ट्रीय राजमार्ग-925) पर एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड पर वैमानिक गतिविधियों का अवलोकन करेंगे। यह पहली बार है जब किसी राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग भारतीय वायुसेना के विमानों की एमरजेंसी लैंडिंग के लिये किया जायेगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-925ए पर सत्ता-गांधव के 41/430 किमी से 44/430 किमी के तीन किलोमीटर लंबे हिस्से को भारतीय वायु सेना के लिये एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ईएलएफ) के रूप में तैयार किया है। लैंडिंग सुविधा, अभी हाल में विकसित खंड़जे से बने ऊंचे किनारे वाले (फुटपाथ के रूप में) दो लेन के गगरिया-भाखासर तथा सत्ता-गांधव सेक्शन का हिस्सा है। इसकी कुल लंबाई 196.97 किमी है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है। इसे भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित किया गया है। इस परियोजना से बाड़मेर और जालौर जिले के सीमावर्ती गांवों के बीच संपर्कता में सुधार होगा। यह हिस्सा पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित है और इससे भारतीय सेना की सतर्कता बढ़ेगी और देश की अधोसंरचना भी मजबूत होगी।
इस एमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप के अलावा वायुसेना/भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखते हुये कुंदनपुरा, सिंघानिया और भाखासर गांवों में 100X30 मीटर आकार के तीन हेलीपैड भी बनाये गये हैं। इस निर्माण से भारतीय सेना तथा देश की पश्चिमी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी।
ईएलएफ का निर्माण 19 महीनों के भीतर कर लिया गया था। ईएलएफ के लिये निर्माण कार्य की शुरूआत जुलाई 2019 में हुई थी और उसे जनवरी 2921 में पूरा कर लिया गया। भारतीय वायुसेना और एनएचएआई की देखरेख में यह निर्माण कार्य मेसर्स जीएचवी इंडिया प्रा.लि. ने किया था। सामान्य दिनों में ईएलएफ का इस्तेमाल निर्बाध यातायात के लिये किया जायेगा, लेकिन जब वायुसेना को अपनी गतिविधियों के लिये इस ईएलएफ की जरूरत होगी, तो सर्विस रोड को यातायात के लिये इस्तेमाल किया जायेगा। सर्विस रोड से भी आराम से यातायात चल सकता है। ईएलएफ की लंबाई 3.5 किलोमीटर है। इस लैंडिंग स्ट्रिप पर भारतीय वायुसेना के हर प्रकार के विमान उतर सकेंगे।
ईएलएफ की मुख्य विशेषतायें इस प्रकार हैं:
मुख्य विशेषतायें
क्रम सं. | मापदण्ड | टिप्पणी |
1 | पेवमेन्ट का प्रकार | ठोस पेवमेन्ट (कंक्रीट) |
2 | सम्बंधित हिस्से की लंबाई | 3000 मीटर (3.0 किमी.) |
3 | सम्बंधित हिस्से की चौड़ाई | 33 मीटर |
4 | ईएलएफ की लागत | 32.95 करोड़ रुपये |
5 | भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा से दूरी | 40.0 किमी. |
6 | पार्किंग सुविधा का आकार | स्ट्रिप के दोनों छोरों पर दो पार्किंग सुविधायें तैयार की गई हैं, जिनका आकार 40 मीटरX180 मीटर है |
7 | अन्य सुविधायें | 25 मीटरX65 मीटर के आकार का एटीसी टॉवर बनाया गया है। यह टॉवर दो मंजिला है और एटीसी केबिन हर सुविधा से लैस है। शौचालय का भी निर्माण किया गया है।
वायुसेना की गतिविधियों के दौरान स्थानीय ग्रामीणों की सुरक्षा के लिये भारतीय वायुसेना के सुझाव/आवश्यकता के मद्देनजर 1.5 मीटर की बाड़बंदी की गई है। |
8 | डायवर्जन मार्ग | लचीले पेवमेन्ट सहित सात मीटर चौड़ा डायवर्जन मार्ग बनाया गया है। |
उल्लेखनीय है कि सड़कों का विकास आधारभूत ढ़ांचे का मुख्य घटक होता है। इसके जरिये बेहतर राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाता है, जिन्हें विमान रन-वे के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सुविधा को तैयार करने के लिये कुछ बदलाव करने पड़ते हैं और अतिरिक्त आधारभूत ढ़ांचे तैयार करनी होते हैं। उसके बाद आपातकाल में विभिन्न प्रकार के विमानों का संचालन संभव हो जाता है।