रंजन गोगोई हो सकते हैं असम में बीजेपी के सीएम पद के प्रत्याशी, पूर्व मुख्यमंत्री का दावा
अभिषेक मल्लिक
नई दिल्ली: देश का सबसे पुराना मुद्दा यानी राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूर्व चीफ चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अब सुर्खियों में हैं, और उनकी सुर्खियों में रहने की वज़ह असम के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता तरुण गोगोई का एक दावा है। जी हाँ तरुण गोगोई ने दावा किया है कि देश के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई असम में होने वाले अगले साल विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। ये बात तरुण गोगोई ने बीते शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि, “मुझे अपने सूत्रों से जानकारी मिली है कि रंजन गोगोई का नाम बीजेपी की मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की लिस्ट में है। मुझे लगता है कि उन्हें असम का अगला मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया जा सकता है। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सांसद बनाने बनाए जाने पर तंज कसते हुए तरुण गोगोई ने आगे कहा कि, “अगर वो राज्यसभा जा सकते हैं तो वह बीजेपी के मुख्यमंत्री कैंडिडेट के लिए भी सहमत हो सकते हैं।“
तरुण गोगोई ने राम मंदिर के फैसले को राजनीति बताते हुए कहा कि, “अयोध्या राम मंदिर केस में आए फैसले से भारतीय जनता पार्टी रंजन गोगोई से खुश थी, इसीलिए राज्यसभा जाना स्वीकार करके वह धीरे से राजनीति में प्रवेश कर गए, वह आसानी से मानवाधिकार आयोग या अन्य अधिकार संगठनों के चेयरमैन हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा ना करते हुए राज्यसभा की कुर्सी ली औऱ राजनीति में भी प्रवेश कर गए।“
अपने मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनने पर उन्होंने साफ कर दिया कि वह असम में कांग्रेस पार्टी के अगले सीएम प्रत्याशी बनने नहीं जा रहे हैं। उनका कहना है कि वह सिर्फ बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एक महागठबंधन बनाने की कोशिश कर रहें हैं, जिसमें ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट यानी AIUDF, लेफ्ट और क्षेत्रीय पार्टियां एकसाथ आए और बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाए।
हालांकि तरुण गोगोई के इस कार्य का कांग्रेस के ही कई बड़े नेता विरोध कर रहे हैं। अब ये परिस्थिति आने वाले असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए भी मुश्किल पैदा कर सकती है।