नेपाल से अयोध्या पहुंची दुर्लभ शालिग्राम शिलाएं, भगवान राम की मूर्ति बनाने में होगी इस्तेमाल
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: दो शालिग्राम शिलाएं, जो अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को समर्पित होंगे, नेपाल से भगवान् राम की पवित्र शहर अयोध्या बुधवार को पहुंच गए हैं। ये पत्थर 6 करोड़ साल पुराने हैं और एक चट्टान का वजन 26 टन और दूसरे का वजन 14 टन है।
इन दो दुर्लभ शिलाओं, जिनमें से भगवान राम की मूर्ति को तराश कर राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा। जानकारी के अनुसार आज पवित्र नगरी के संत देव शिलाओं का अभिनंदन व लोकार्पण करेंगे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा, “ये शालिग्राम चट्टानें, जो 60 मिलियन वर्ष पुरानी हैं, दो अलग-अलग ट्रकों पर नेपाल से अयोध्या पहुंचेंगी। एक चट्टान का वजन 26 टन और दूसरे का वजन 14 टन है।”
अधिकारियों ने बताया कि इस पत्थर से तराशे गए भगवान राम की उनके बच्चे के रूप में मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जिसके अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति त्योहार तक तैयार होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि दो चट्टानें नेपाल के मुस्तांग जिले में सालिग्राम या मुक्तिनाथ (मोक्ष का स्थान) के पास गंडकी नदी में मिली हैं।
इस बीच, शनिवार को अयोध्या में राम मंदिर की भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई। बैठक की अध्यक्षता निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने की और ट्रस्ट के सचिव चंपत राय व ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने भाग लिया।
सूत्रों के मुताबिक, मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई और भगवान की नई मूर्ति की स्थापना और नक्काशी पर चर्चा की गई।