राजस्थान विधानसभा में हंगामा, निलंबित छह कांग्रेस विधायकों ने सदन में बिताई रात
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को एक मंत्री की टिप्पणी को लेकर हंगामा हुआ, जिसके बाद छह कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इन विधायकों ने अपने निलंबन के विरोध में सदन के वेल में धरना दिया और फिर वहीं बिस्तर पर सोते हुए नजर आए।
निलंबित विधायकों में राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विपक्ष के उपनेता रामकेश मीना, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गेसावत, हकीम अली खान और संजय कुमार जाटव शामिल हैं। इस घटनाक्रम के दौरान सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विपक्ष के उपनेता रामकेश मीना, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गेसावत, हकीम अली खान और संजय कुमार जाटव अपने पार्टी सहयोगियों के साथ सदन में शामिल हुए। निलंबन के खिलाफ उन्होंने पहले सदन में धरना दिया और फिर बिस्तर पर सोते नजर आए।
कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते समय एक मंत्री की टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी और छह कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया।
प्रश्नकाल के दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने विपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, “आपने हमेशा की तरह 2023-24 के बजट में भी (कामकाजी महिलाओं के छात्रावास पर) योजना का नाम अपनी ‘दादी’ इंदिरा गांधी के नाम पर रखा है।”
विपक्ष के नेता टीका राम जूली ने मंत्री की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और मांग की कि “अनुचित शब्द” को रिकॉर्ड से हटाया जाए। इसके बाद कई कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी शुरू कर दी और वेल की ओर चले गए। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ‘दादी’ शब्द में कुछ भी असंसदीय नहीं है। सदन की कार्यवाही पहले आधे घंटे के लिए स्थगित की गई, फिर दोपहर 2 बजे तक और फिर शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
शाम 4 बजे जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि विपक्ष ने अपनी सीमाएं लांघ दी हैं। बाद में जूली ने कहा कि मंत्री ने “अशोभनीय” टिप्पणी की है और भाजपा का रवैया विपक्ष की आवाज दबाने वाला है।
उन्होंने हिंदी में एक्स पर लिखा, “मंत्री अविनाश गहलोत ने देश के लिए अपना बलिदान देने वाली आदरणीय नेता इंदिरा गांधी जी के बारे में अभद्र टिप्पणी की, लेकिन हमारे विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इससे पता चलता है कि भाजपा केवल तानाशाही रवैये से काम करना चाहती है। राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष के नेता को भाषण नहीं देने देना और अब प्रदेश (कांग्रेस) अध्यक्ष सहित 6 विधायकों को निलंबित करना, विपक्ष की आवाज को दबाने की भाजपा की सोच का परिणाम है।”
पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने हिंदी में एक पोस्ट में कहा, “पहले भाजपा सरकार के एक मंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर अभद्र टिप्पणी की और फिर इसके लिए माफी नहीं मांगने पर विरोध करने वाले कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया। इससे पता चलता है कि लोकसभा और राज्यसभा वाला तरीका राजस्थान विधानसभा में भी अपनाया जा रहा है। जैसे वहां अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए सांसदों को निलंबित किया जाता है, वैसा ही यहां भी किया गया है।”
उन्होंने कहा, “सरकार के पास पिछले एक साल में दिखाने के लिए कोई काम नहीं था, इसलिए विपक्ष के नेता को अभिभाषण के दौरान अपनी विफलताओं को उजागर करने वाला भाषण देने की अनुमति नहीं दी गई। अब हमारे प्रदेश अध्यक्ष और दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक समुदायों के विधायकों को बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया है। क्या यह बजट पर चर्चा से ध्यान भटकाने का प्रयास नहीं है।”
कांग्रेस ने शनिवार को इस टिप्पणी के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।