नौकरी के बदलने जा रहे हैं नियम, जाने कितना आसन होगा अब काम करना
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: प्राइवेट नौकरी करने वाले के लिए नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार नौकरी और मजदूरी करने वालों के लिए एक बहुत बड़ी योजना लाने वाली है जिसमें न केवल नौकरी करने वाले कर्मचारी बल्कि मजदूरों और माइग्रेंट वर्कर्स, डाक वर्कर्स, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, माइंस कर्मचारी, कॉन्ट्रैक्ट लेबर, वर्किंग जर्नलिस्ट के अलावा ऑडियो-विजुअल वर्कर व अन्य कर्मचारियों को भी फायदा होगा।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने 19 नवंबर 2020 को व्यवसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता 2020 के तहत कुछ नए नियम भी बनाए हैं। और इसकी अधिसूचना 45 दिन के हो जाने की उम्मीद है। कुच्छ प्रमुख नियमों से सम्बंधित जानकारी ये है…
नियुक्ति पत्र
अब बिना नियुक्ति पत्र दिए कोई भी कर्मचारी नहीं रख सकता। नए नियम के अनुसार नियुक्ति पत्र में कंपनी को पद का नाम, किस श्रेणी में वर्कर काम कर रहा है, उसका वेतन, ग्रास सैलरी आदि देना अनिवार्य होगा। बिना नियुक्ति पत्र के कोई भी कंपनी किसी भी वर्कर को नहीं रख पायेगा।
महिलाओं के लिए नियम
महिलाओं के लिए भी केंद्र सरकार नए नियम बनाने जा रही है जिसके अनुसार सुबह 6:00 बजे से पहले और शाम 7:00 बजे के बाद महिला कर्मचारी के बिना परमिशन के कोई भी कंपनी उन्हें बुला नहीं सकती है। साथ ही साथ सभी संस्थानों में महिला सुरक्षा से संबंधित नियम जरूर बने होने चाहिए।
दूसरे राज्यों के वर्कर्स के लिए नियम
माइग्रेंट वर्कर्स को साल में एक बार भत्ता देने की योजना भी बनाई जा रही है। साथ ही साथ अपनी शिकायतों को वह टोल फ्री नंबर के जरिए दर्ज भी करवा सकते हैं। इसकी व्यवस्था भी की जा रही है।
कर्मचारियों का फ्री हेल्थ टेस्ट
कंपनी को अपने श्रमिकों व कर्मचारियों को फ्री में स्वास्थ्य परीक्षण करवाना अनिवार्य हो जायेगा। हालांकि यह चेकअप सिर्फ 45 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों के लिए ही अनिवार्य होगा।
कॉन्ट्रैक्ट वर्कर के लिए नियम
कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले मजदूरों की कांटेक्ट अवधि ठेकेदार के तरफ से तय की जायेगी जो एक महीने से ज्यादा नहीं होगी। उनके पेमेंट से संबंधित नियमों में भी बदलाव होने वाला है। उनकी सैलरी केवल और केवल बैंक अकाउंट में ही भेजी जाएगी या अन्य ऑनलाइन मोड से पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे।
कर्मचारियों के सुरक्षा के लिए नियम
500 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार देने वाले संस्थान के लिए भी रक्षा समितियों का होना अनिवार्य है। कर्मचारी के व्यवसायिक व स्वास्थ्य मामलों की चिंता कंपनी को ही करनी होगी।