लेट्स लर्न फ्राॅम नोबेल लॉरिएट जॉर्ज बर्नार्ड शॉ विषय पर ब्रिटिश लिंग्वा में सेमिनार का आयोजन

Seminar on 'Let's Learn from Nobel Laureate George Bernard Shaw' organised in British Linguaचिरौरी न्यूज

पटना: ब्रिटिश लिंग्वा, पटना के प्रांगण में लेट्स लर्न फ्राॅम नोबेल लॉरिएट जॉर्ज बर्नार्ड शॉ विषयक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जाने-माने लेखक एवं ब्रिटिश लिंग्वा के प्रबंध निदेशक डॉ0 बीरबल झा ने कहा कि जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ न केवल अपनी साहित्यिक कृतियों के लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं, बल्कि उनके विचार बिजनेस मैनेजमेंट में भी शोध का विषय रहा है। बेबाकी से अपनी बातों को रखने में, कटाक्ष के अद्भुत शैली के लिए ख्यातिप्राप्त जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ एक सफल नाटककार ही नहीं, वरन एक महान वक्ता भी थे।

आयरलैंड में जन्मे और लंदन को अपना कार्यक्षेत्र बनाने बाले जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ पूरे विश्व में उच्चतम कोटि के विचारक और राजनेता के रूप में प्रसिद्ध हुए। अंग्रेजी शिक्षण के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्था ब्रिटिश लिंग्वा के छात्रों को संबोधित करते हुए डाॅ0 झा ने कहा कि हमें जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

डाॅ0 झा आज “लेट्स लर्न फ्रॉम जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ” विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। ए एन कालेज, अंग्रेजी विभाग के पूर्व प्रोफेसर शैलेन्द्र मिश्रा ने इस अवसर पर कहा कि जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ 19वीं और 20वीं शताब्दी के महानतम नाटककार थे। उन्होंने अपने नाटकों के लिए जन सामान्य में आकर्षण पैदा किया। प्रोफेसर मिश्रा ने कहा कि जाॅर्ज बर्नार्ड शाॅ ने तत्कालीन परंपराओं से संबंधित विषयों पे लिखा। प्रो शैलेन्द्र मिश्रा ने आगे कहा, “बहुत लोगों को यह जानकर आश्चर्य होगा की बर्नार्ड शाॅ ने वेश्यावृति को जायज ठहराया। बर्नार्ड शाॅ का “हीरो” नवयुवक या बहुत सुन्दर नहीं होता था। ऐसे ही कई सामाजिक रूढ़िवादी धारणा को बर्नार्ड शाॅ ने तोड़ा।

इस अवसर पर ब्रिटिश लिंग्वा के छात्रों को संबोधित करते हुए टुडे ट्विग्स के एडिटर श्री आशीष कोइलखिया जी ने कहा, “जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ‘के जीवन से सीखने लायक बहुत चीजें हैं जैसे की उनका बिज़नेस स्किल, लोगों को अपने शब्दों से मंत्र मुग्ध करने का स्किल, लिखने की उनकी अद्भुत कौशल और अन्य कई सारी चीज़ें। इस सेमिनार में देश के जाने-माने संपादक, ऑक्सफ़ोर्ड से पढ़े डॉ सुमित पॉल को नोबेल लॉरिएट जॉर्ज बर्नार्ड शॉ अवार्ड – २०२४ से नमाजे जाने की घोषणा की गई। समारोह में ब्रिटिश लिंग्वा के सभी छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

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