रामचरितमानस पर टिप्पणी को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर मामला दर्ज
चिरौरी न्यूज़
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ तुलसीदास रचित महान धर्मग्रन्थ रामचरितमानस पर उनकी टिप्पणी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिवेंद्र मिश्रा नामक शख्स की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी।
मौर्य ने रविवार को रामचरितमानस में विशेष जातियों और संप्रदायों पर लक्षित “अपमानजनक टिप्पणियों और कटाक्ष” को हटाने की मांग करने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया।
सपा नेता ने कहा: “मुझे रामचरित्रमानस से कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसके कुछ हिस्सों में विशेष जातियों और संप्रदायों पर अपमानजनक टिप्पणियां और कटाक्ष हैं। उन्हें हटा दिया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे दावा किया कि रामचरितमानस में कुछ शब्द दलित समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं।
एडिशनल डीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि मिश्रा ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि समाचार चैनलों और समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें पता चला कि मौर्य ने रामचरितमानस के खिलाफ भद्दी टिप्पणियां की हैं और इस तरह की टिप्पणियों से समाज में दरार पैदा हो सकती है और सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है।
हालांकि सपा ने मौर्य के बयान से खुद को अलग कर लिया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा, “अन्य देशों सहित हर जगह लोग रामचरितमानस पढ़ते हैं, इसे स्वीकार करते हैं और इसका पालन करते हैं और हम सभी रामचरितमानस का सम्मान करते हैं।”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने सपा से यह स्पष्ट करने को कहा कि यह मौर्य की व्यक्तिगत मान्यता है या पार्टी की। मौर्य 2017 के चुनावों से पहले बसपा से भाजपा में चले गए थे। पांच साल बाद 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले वह सपा में शामिल हो गए।
चुनाव में हारने के बाद सपा ने उन्हें विधान परिषद के लिए चुनवा दिया।