बीएसएफ के बर्खास्त जवान की वाराणसी में दोबारा चुनाव की मांग सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी लोकसभा सीट से निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेजबहादुर यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन को चुनौती दी थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। चुनाव लड़ने में असफल रहे तेजबहादुर यादव ने वाराणसी लोकसभा क्षेत्र पर दोबरार चुनाव की मांग की थी।
इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी तेजबहादुर यादव की मांग को खारिज किया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति ही विजेता के निर्वाचन को चुनौती दे सकता है। इसलिए तेजबहादुर को चुनाव याचिका दायर करने का अधिकार ही नहीं है।
इस के बाद तेजबहादुर यादव हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। 3 जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अपीलकर्ता को पहले ही पर्याप्त अवसर दिया जा चुका है। प्रधानमंत्री का पद अपने आप मे विशिष्ट और देश का इकलौता पद है। उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को यूं ही महीनों तक लटकाए नहीं रखा जा सकता है।
पीएम मोदी के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया कि तेजबहादुर ने 2 बार नामांकन भरा। 24 अप्रैल को निर्दलीय और 29 अप्रैल को समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में। एक नामांकन में उन्होंने नौकरी से बर्खास्त की जानकारी नहीं दी, दूसरे में खुद को बर्खास्त बताया। यह विरोधाभास उनका नामांकन खारिज होने की बड़ी वजह था।
बता दें कि बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर ने 2019 लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी से पर्चा भरा था। बाद में कुछ त्रुटि के कारण जवान का नामांकन रद्द कर दिया गया था। उन्होंने पीएम मोदी पर नामांकन रद्द करवाने का आरोप लगाया था।