सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाली को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की; याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बेकार की तुच्छ याचिकाएं दायर करने पर सख्त रुख अपनाते हुए शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता की बहाली को चुनौती देने वाले एक वकील पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाकर याचिका खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने लखनऊ स्थित वकील अशोक पांडे द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता मामले को सुनवाई के लिए दो बार बुलाए जाने के बावजूद उसके समक्ष उपस्थित नहीं हुआ था, और उसने पहले के दो आदेशों का भी हवाला दिया। अदालत ने पांडे की याचिकाओं को क्रमशः 5 लाख रुपये और 1 लाख रुपये के जुर्माने के साथ खारिज कर दिया।
पीठ ने याचिका खारिज करते हुए और याचिकाकर्ता पांडे पर जुर्माना लगाते हुए कहा, “ऐसी तुच्छ याचिकाएं दाखिल करने से न केवल अदालत का बल्कि पूरी रजिस्ट्री का कीमती समय बर्बाद होता है…।”
शीर्ष अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी
सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को “मोदी उपनाम” मानहानि मामले में 2019 के आम चुनाव में वायनाड लोकसभा क्षेत्र से चुने गए कांग्रेस नेता की सजा पर रोक लगा दी, जिसके बाद लोकसभा सचिवालय द्वारा उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी गई।
वकील पांडे ने अपनी याचिका में कहा कि दोषसिद्धि और सजा पर आधारित अयोग्यता तब तक लागू रहेगी जब तक इसे अपील में खारिज नहीं कर दिया जाता और उन्होंने कांग्रेस नेता की लोकसभा सदस्यता बहाल करने वाली लोकसभा सचिवालय की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की। पांडे ने अपनी याचिका में लोकसभा अध्यक्ष, भारत संघ, भारत चुनाव आयोग और राहुल गांधी को प्रतिवादी बनाते हुए चुनाव आयोग को वायनाड लोकसभा सीट को रिक्त सीट के रूप में अधिसूचित करने और वहां नए सिरे से चुनाव कराने का निर्देश देने की मांग की।