भ्रामक दवा विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट ने दी पतंजलि को चेतावनी, कहा -‘1 करोड़ रुपये जुर्माना लगाऊंगा अगर दोबारा ऐसा हुआ’

Supreme Court warns Patanjali on misleading drug advertisements, says - 'I will impose a fine of Rs 1 crore if this happens again'चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: एलोपैथिक दवाओं को निशाना बनाकर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद को कड़ी फटकार लगाई।

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पतंजलि को चेतावनी दी कि अगर यह गलत दावा किया गया कि उसके उत्पाद कुछ बीमारियों को “ठीक” कर सकते हैं तो उस पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद को निर्देश दिया कि वह भविष्य में ऐसे किसी भी भ्रामक विज्ञापन का प्रकाशन बंद करे। अदालत ने कहा कि पतंजलि को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह प्रेस में आकस्मिक बयान देने से बचे।

अदालत ने यह निर्देश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर विचार के दौरान दिया। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन एलोपैथी को नीचा दिखाते हैं और कुछ बीमारियों के इलाज के बारे में झूठे दावे करते हैं।

आईएमए ने आगे तर्क दिया कि पतंजलि के दावे असत्यापित हैं और ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेमेडीज एक्ट, 1954 और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 जैसे कानूनों का सीधा उल्लंघन हैं।

अदालत ने केंद्र सरकार से इस संबंध में व्यावहारिक सिफारिशें पेश करने को भी कहा और सुनवाई 5 फरवरी, 2024 को तय की।

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