निलंबित डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय सिंह ने आईओए की एड-हॉक कमिटी का विरोध किया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने डब्ल्यूएफआई की रोजमर्रा की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त एड-हॉक समिति का विरोध किया है।
इस महीने की शुरुआत में खेल मंत्रालय द्वारा कड़े शब्दों में लिखे पत्र में संस्था को निलंबित किए जाने के बाद आईओए ने डब्ल्यूएफआई की दिन-प्रतिदिन की प्रक्रियाओं पर नजर रखने के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया था।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भारतीय कुश्ती महासंघ के लिए तीन सदस्यों की एक समिति का गठन किया। डब्ल्यूएफआई की नई संस्था के निलंबन के बाद खेल मंत्रालय के निर्देश पर भूपेन्द्र सिंह बाजवा को अध्यक्ष, एमएम सोमाया को सदस्य और मंजूषा कंवर को तदर्थ समिति के एक अन्य सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था। समिति डब्ल्यूएफआई के विभिन्न कार्यों और गतिविधियों की देखरेख करेगी।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, संजय सिंह ने कहा कि अगर मंत्रालय नवगठित समिति को भंग नहीं करता है तो वह कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।
संजय सिंह ने इंडिया टुडे से कहा, ”मुझे यह एडहॉक कमेटी स्वीकार नहीं है, मैं मंत्री से बात करूंगा और अगर मामला फिर भी नहीं सुलझा तो कानूनी राय लूंगा.”
इससे पहले, खेल मंत्रालय ने रविवार, 24 दिसंबर को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित संस्था को यह कहते हुए निलंबित कर दिया था कि यह पूर्व पदाधिकारियों के “पूरे नियंत्रण में” है। गुरुवार 21 दिसंबर को नई दिल्ली में वोटिंग के बाद पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को नया अध्यक्ष चुना गया।