मंदिर विध्वंस: भाजपा ने गहलोत पर बाबर, औरंगजेब के पदचिन्हों पर चलने का लगाया आरोप

Temple demolition: BJP accuses Gehlot of following in the footsteps of Babur, Aurangzebचिरौरी न्यूज़

जयपुर: भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान इकाई ने शुक्रवार को अलवर जिले में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़े जाने की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।

बीजेपी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ‘अतिक्रमण हटाने के नाम पर’ मंदिरों को बुलडोजर से ध्वस्त करने के लिए मुगल शासकों बाबर और औरंगजेब के नक्शेकदम पर चलने का भी आरोप लगाया।

भाजपा ने शुक्रवार को अलवर जिले के राजगढ़ के सराय मोहल्ला में एक शिव मंदिर के विध्वंस की जांच के लिए पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया। सीकर के सांसद स्वामी सुमेधानंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी तीन दिनों में राजगढ़ का दौरा कर तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कर राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंपेगी।

इस बीच पूनिया ने कहा कि गहलोत और राज्य सरकार के निर्देश पर मंदिर तोड़ा गया। पूनिया ने कहा, “300 साल पुराने मंदिर को गिराना अशोक गहलोत द्वारा अपने विधायकों को आजादी देने का नतीजा है।”

भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी मंदिर गिराने के लिए राजस्थान कांग्रेस की आलोचना की और उन पर भेदभाव और तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया।

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान सरकार ने अलवर में 300 साल पुराने मंदिर को तोड़कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा है।

राठौर ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार पिछले तीन साल से लगातार धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है। इससे पहले उसने चुरू जिले के सालासर-सुजानगढ़ मार्ग पर स्थित राम दरबार स्वागत द्वार को तोड़ा था।’

उन्होंने राजगढ़ विधायक जौहरी लाल मीणा को भी फटकार लगाई और कहा कि उनके बेटे दीपक मीणा पर रेप का आरोप है, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय उन्हें क्लीन चिट दे दी।

उन्होंने कहा, “अब उन्हें अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर मंदिरों को मिटाने के लिए एक बुलडोजर मिल गया है।”

राठौर ने कहा कि 8 फरवरी को राजगढ़ नगर पालिका ने प्रस्ताव रखा था कि गौरव पथ योजना के तहत इस सड़क पर स्थित मंदिर को नहीं तोड़ा जाए। नगर पालिका के प्रस्ताव में कहीं भी यह उल्लेख नहीं था कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर 300 साल पुराने मंदिर को तोड़ा जाए।

सबूत के तौर पर राठौड़ ने आठ फरवरी को हुई नगर पालिका की आम सभा की बैठक का ब्योरा दिखाया। विधायक जौहरी लाल मीणा का एक वायरल वीडियो दिखाते हुए राठौर ने कहा कि वीडियो में मीना खुद स्वीकार कर रही हैं कि अगर 34 पार्षद कांग्रेस की सदस्यता स्वीकार करते हैं तो वह कार्रवाई रोक सकते हैं। राठौड़ ने आरोप लगाया कि इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस विधायक जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाकर अपने अधिकार का दुरूपयोग कर रहे हैं।

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