23 राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने दिए 3,296 करोड़ रुपये के पैकेज की मंजूरी

The central government approved a package of Rs 3,296 crore to promote tourism in 23 statesचिरौरी न्यूज

नई दिली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 23 राज्यों में 40 प्रमुख पर्यटन केंद्रों के विकास के लिए 3,295.76 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य भारत के पर्यटन केंद्रों को वैश्विक मानकों के अनुसार विकसित करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पहल को लेकर ट्वीट करते हुए कहा, “पर्यटन में कई लोगों के जीवन को समृद्ध करने की क्षमता है। हमारी सरकार भारत के पर्यटन ढांचे को सुधारने पर लगातार ध्यान केंद्रित करेगी, ताकि अधिक लोग ‘इन्क्रेडिबल इंडिया’ के अद्भुत स्थलों का अनुभव कर सकें।”

यह घोषणा केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने की। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आज 23 राज्यों में 40 परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जो ‘विशेष सहायता योजना’ के तहत पर्यटन केंद्रों को वैश्विक मानकों के अनुसार विकसित करेंगे।”

इन परियोजनाओं से स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा और स्थायी पर्यटन के माध्यम से रोजगार सृजन होगा। मंत्री शेखावत ने कहा कि इन परियोजनाओं में प्रमुख पर्यटन स्थलों को भीड़-भाड़ से मुक्त करना, उन्नत तकनीकी समाधानों का समावेश करना, सतत पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देना और सार्वजनिक-निजी साझेदारियों के जरिए अवसंरचना और पर्यटक अनुभव को बढ़ाना शामिल होगा।

इस योजना में आंध्र प्रदेश के गंदीकोटा किला, हैवलॉक ब्रिज, पुष्करम घाट, अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट में साहसिक और इको-टूरिज्म, असम के गुवाहाटी स्थित राज्य चिड़ियाघर और बोटैनिकल गार्डन, और शिवसागर में रंग घर का सौंदर्यीकरण जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़, बेंगलुरू के तातागुनी स्थित रोएरिच और देविका रानी एस्टेट में एक इको-टूरिज्म और सांस्कृतिक केंद्र, शिलांग के उमियम झील का पुनर्विकास, सिक्किम के नाथुला पास में सीमा अनुभव, ऋषिकेश में राफ्टिंग बेस स्टेशन और मामल्लापुरम (चेन्नई के पास) में नंदवनम हेरिटेज पार्क जैसे कई प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त केरल के अस्थमुदी बैकवाटर में बायोडायवर्सिटी और इको-रिक्रिएशनल हब तथा महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में अंडरवॉटर टूरिज्म जैसी योजनाएं भी हैं।

मंत्री शेखावत ने कहा, “इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य वैश्विक मानकों के अनुसार प्रमुख पर्यटन स्थलों का विकास करना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त किया जा सके और स्थायी पर्यटन के जरिए रोजगार सृजन हो।”

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