कारगिल युद्ध के हीरो विक्रम बत्रा को देश दे रहा है श्रद्धांजलि
शिवानी रज़वारिया
सन् 1999 में पाकिस्तान के साथ हुए कारगिल युद्ध में भारत के लगभग 500 से जादा भारत के जांबाज वीरों ने अपना बलिदान देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा की थी। इन वीरों में एक नाम परमवीर चक्र विजेता शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का भी शामिल है। भारत कारगिल का शेर कहे जाने वाले जंग के हीरो विक्रम बत्रा की पुणयतिथि पर उन्हें याद करनेवालों की कोई कमी नहीं है। करगिल के शेर के नाम से प्रसिद्ध कैप्टन विक्रम बत्रा आज ही के दिन 1999 में शहीद हुए थे।विरोधी देश की सेना ने खुद विक्रम को शेरशाह नाम दिया था, जिसके आगे बड़े से बड़ा दुश्मन भी घुटने टेकने को मजबूर हो जाए।
कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म 9 सितंबर,1974 को पालमपुर में हुआ था। वीर जाबाज़ भारतीय सैनिक ने 7 जुलाई को अपनी जान गवाकर अपने जूनियर साथी की जान बचाई। और ख़ुद वीरगति को प्राप्त हो गए। विक्रम बत्रा ने मात्र 25 साल की उम्र में 17000 फीट की ऊंचाई पर स्थित पॉइंट 4875 और 4750 पर भी भारतीय सैनिकों का कब्जा करवाने में अहम रोल अदा किया था। आज उनके बलिदान दिवस पर सोशल मीडिया पर #VikramBatra ट्रेंड कर रहा है। यहां लोग विक्रम बत्रा के बयान, उनकी फोटोज और पुराने इंटरव्यूज शेयर करके उनको याद कर रहे हैं।
विक्रम बत्रा कारगिल पर जाने से पहले अपने गांव छुट्टियों पर गए थे। वहां पर अपने दोस्तों को एक रेस्टोरेंट में ट्रीट देने के लिए लेकर गए। बातचीत करते हुए दोस्तों ने कहा विक्रम अब तुम फौज में भर्ती हो गए हो अपना ख्याल रखना। तब विक्रम ने जवाब दिया था कि ‘फिकर मत करो मैं जीत के बाद तिरंगा हाथ में लेकर आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपट कर आऊंगा।‘ उनके ऐसे ही संवादों को सोशल मीडिया पर लिख कर उनकी फोटो, विडियोज पोस्ट कर रहे हैं। उनकी पुणयतिथि पर उनको याद कर रहे हैं।
भारतीय सेना के अकाउंट से लिखा गया।।।
ADG PI – INDIAN ARMY
‘ऑपेरशन विजय’ भारतीय सेना ने अदम्य साहस,पराक्रम व बलिदान का परिचय देते हुए प्वाइंट 4875 पर कब्ज़ा किया। जयघोष से द्रास की श्रंखलाएं गूंज उठी। मातृभूमि के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण से सदैव भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाले देश के वीर जवानों को हमारा नमन्। #सर्वदा #विजयी
कैप्टन विक्रम बत्रा आज भी देश व युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है उनकी बहादुरी और ज़िंदादिली आज भी लोगो के दिलों में कायम है और हमेशा रहेगी ऐसे जाबाज़ सिपाहियों को और उनके परिवरजनों को कोटि कोटि नमन।देश हमेशा आपका कर्जदार रहेगा।