तानाशाह अजय सिंह की हार तय समझें: शेलार

राजेंद्र सजवान

हालांकि नौ मुक्केबाज टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने की पात्रता पा चुके हैं और विश्व स्तर पर भी प्रदर्शन ठीक ठाक है लेकिन तीन फरवरी को होने वाले चुनाव में अध्यक्ष अजय सिंह को चुनौती देने वाले आशीष शेलार कहते हैं कि अजय सिंह तानाशाह हैं और मनमर्जी से मुक्केबानी को चला रहे हैं। उन्होंने मुक्केबाजी को घर की खेती बना लिया है। वह अपनी जीत का दावा करते हुए कहते हैं कि सभी सदस्य इकाइयां अपने अध्यक्ष की तानाशाही से परेशान हैं। उनके अत्यधिक आत्मविश्वास का बड़ा कारण यह है कि सचिव जय कोली उनके साथ हैं,जोकि खुदभी अजय सिंह के कार्यकाल में उपेक्षित रहे हैं, ऐसा उनका कहना है। कोली ने भी अपने अध्यक्ष को घमंडी और अवसरवादी बताया।

आज यहां महाराष्ट्र भवन में शेलार ने कहा कि नौ ही क्यों सभी 13 वर्गों में हमारे मुक्केबाज ओलंपिक टिकट पा सकते थे। सरकार तमाम सुविधएं दे रही और मुक्केबाजों को विदेशों में ट्रेनिंग दी जा रही हैं लेकिन इतना सब होने के बावजूद भी बीएफआई का अपना कोई आफिस नहीं। अध्यक्ष महोदय अपने घर से आफिस चला रहे हैं। जय कोहली ने आरोप लगाते हुए कहा कि अजय सिंह बाकी अधिकारियों से कोई सलाह नहीं लेते। वैसे भी उनका इरादा चुनाव करानेका कदापि नहीं था।वह कुर्सी केभुखे हैं । खेल मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक चुनाव कराने के निर्देश दिए थे लेकिन लगातार टाल मटोल करते रहे। मजबूरन 3 फरवरी को चुनाव तय हुए हैं।

कोली के अनुसार मुक्केबाजी फेडरेशन को शिलार जैसा अध्यक्ष चाहिए जोकि महाराष्ट्र की फुटबॉल और क्रिकेट में बड़ा नाम माने जाते हैं। शिलार को भरोसा है कि वह अजय सिंह पर भारी पड़ेंगे। हालांकि उनके समर्थन में जुटे सदस्य कहते हैं कि शिलार के साथ सभी 33 इकाइयां हैं और सभी 64 वोट उन्हें मिलने वाले हैं। लेकिन खुद शिलार 70 प्रतिशत वोट अपने पक्ष में बताते हैं।

अध्यक्ष बने तो क्या क्या बदलाव लाएंगे, इस सवाल के जवाब में शिलार कहते हैं कि उनकी पहली प्राथमिकता ग्रासरूट स्तर पर बढ़ावा देने की होगी, जिसकी लगातार अनदेखी की गई है। विदेशी के साथ साथ अपने कोचों को भी बढ़ावा दिया जाए और फेडरेशन के खर्चों एवम खातों के रिकार्ड साफ सुथरे हों ऐसा हम चाहते हैं। शेलार ने वादा किया कि यदि वह अध्यक्ष चुने जाते हैं तो देश में खेल के लिए माहौल बनाने का काम जोरशोर से करेंगे। ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने मुम्बई की फुटबाल और क्रिकेट में कई बड़े काम किए।

खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ की भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शिलार कहते हैं कि उन्हें बराबर समर्थन मिल रहा है। मंत्रालय भी फेडरेशन में पारदर्शिता चाहता है। ओलंपिक पदक विजेता मेरीकॉम को उन्होंने गज़ब की मुक्केबाज बताया और कहा कि वह फेडरेशन की राजनीति से दूर है और ओलंपिक की तैयारी में जुटी है।

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं। )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *