कल्पना और तथ्यों का अद्भुत मेल है सौरभ कुदेशिया की नई पुस्तक ‘स्तुति’
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: कल्पना और तथ्यों का मेल दुष्कर होता है, किन्तु सर्व विदित तथ्यों को आधार बनाकर जब कोई तर्क आधारित कहानी रची जाती है जो आपकी कल्पना शक्ति को नए आयाम प्रदान करने के साथ कई कुलबुलाते प्रश्न आपके दिमाग में छोड़ जाए तो लेखक सही मायनों में प्रशंसा का पात्र होता है।
सौरभ जी की ‘स्तुति’ पाठकों के मन पर गहरी छाप छोड़ती है। यह कपोल कल्पनाओं पर बनाए हवाई महल नहीं, बल्कि तथ्यों के आधार पर बनाई गयी एक सुदृढ़ बहु मंजिला इमारत है जिसके हर कमरे, हर तल पर आपको एक नया रहस्य इंतज़ार करता मिलेगा। सरल शब्द में लिखी इस कहानी के हर पन्ने में एक नई कहानी छुपी है जिसे समझाने के लिए शायद नया उपन्यास लिखना पड़े।
“खंड 1 आह्वान” के मुकाबले “खंड 2 स्तुति” थोड़ा बड़ा है। कथा की उम्मीदों के मुताबिक़ यह उचित भी है। बड़ा होने के बावजूद भाषा और परिस्थितियों का अद्भुत संयोग “स्तुति” को तनिक भी उबाऊँ नहीं बनने देता है। यह सौरभ जी की सधी लेखनी का कमाल है कि पाठक उपन्यास के पन्ने पलटते हुए कहानी के दर्शक और फिर इसके हिस्सेदार बन जाते है। पात्रों के बीच सधा संतुलन कहानी की रीढ़ की हड्डी है जो कहानी को गति देते हुए पाठकों को विभिन्न आयामों की सैर कराती है। महाभारत के जटिल राजनीतिक, सामरिक, सामाजिक समीकरणों के ताने-बानों से बुनी इस कालजयी रचना के मायाजाल में पाठक उपन्यास के अंतिम शब्द तक ऐसा फंसता है कि उसे कहानी साक्षात हो अपने आसपास घटती लगती है।
सौरभ जी ने साबित किया है कि कल्पना बिना दिमाग के पंगु होती है। यह उपन्यास श्रृँखला एक करारा जबाव है उन लेखकों को जो कोई भी बासी उबाऊं कहानी में येन केन प्रकारेण पौराणिक चाशनी का तड़का लगाकर उसे परोसते है।
सौरभ जी ने पौराणिक कथाओं को तर्कों की कसौटी पर परखते हुए कल्पनाओं के पंख लगाने वाली और आम जनों से जुड़ने वाली जिस नवीन लेखन शैली का प्रयोग किया है वह साहित्य और लेखन को नई दिशा प्रदान करती है। ऐसी लेखन शैली की व्याख्या सिर्फ उसे महसूस करके की जा सकती है। महाभारत और वैदिक ग्रंथों के विषय में आपका ज्ञान किसी भी स्तर का हो, इस उपन्यास के जादू से मंत्रमुग्ध हुए बिना आप नहीं रहेंगे।
हिन्द युग्म प्रकाशन से प्रकाशित सौरभ कुदेशिया की ये पुस्तक अमेज़न पर उपलब्ध है जिसका लिंक नीचे दिया गया है।
नाम: स्तुति (महाभारत आधारित पौराणिक रहस्य गाथा खंड 2)
लेखक: सौरभ कुदेशिया
पब्लिशर: हिन्द युग्म प्रकाशन