TMKOC होली विशेष: देखभाल, सम्मान और चिंता के रंगों के साथ एक सख्त संदेश से भरी है तारक मेहता का उल्टा चश्मा की होली

TMKOC Holi Special: Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah's Holi is filled with a strong message with colors of care, respect and concernचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: होली के समय प्रकृति के विभिन्न रंगों जैसे की फूल, भावनाये और मौसमों का जश्न मनाया जाता है । तारक मेहता का उल्टा चश्मा के होली एपिसोड फैंस और दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। प्यार, मस्ती और खुशी के अलावा, इस बार नीला फिल्म्स ने अपने होली समारोह में देखभाल, सम्मान और चिंता का रंग भी जोड़ दिया है।

“तारक मेहता का उल्टा चश्मा में होली ना हो ऐसा कैसा हो सकता है? पिछले 16 सालों से हम अपने सेट पर होली मनाते आ रहे हैं। इसलिए हर बार हमें इस बारे में खूब सोचना पड़ता है कि होली के एपिसोड में हम इसबार क्या खास कर सकते हैं. यह सवाल हमारे सामने हर साल उठता है और हमारे लेखकों ने हमेशा की तरह इस साल की होली कहानी पर भी बहुत अच्छा काम किया है। हम अपनी होली कहानी में एक बहुत अच्छा संदेश लेकर आए हैं, ” शो के निर्माता असित कुमार मोदी ने कहा।

जैसा कि सभी ने तारक मेहता का उल्टा चश्मा के हाल के एपिसोड में देखा होगा, लड़कों के एक समूह, गुड्डु भैया और उनके दोस्तों को त्योहार के नाम पर लोगों को परेशान करते हुए दिखाया है, जिससे गुस्सा होकर टप्पू सेना उन्हें सबक़ सिखाती है। लेकिन जब आपकी मानसिकता ही गलत हो तो आप समझ नहीं पाते कि क्या सही है। नतीजतन, गुड्डू भैया और उनके दोस्तों ने सोनू को परेशान करने और टप्पू सेना से बदला लेने की योजना बनाते है।

होली पर इस विशेष कहानी को क्यों चुना, इस बारे में बात करते हुए कि असित कुमार मोदी ने बताया, “मैंने कई बार देखा है कि होली के उत्सव के दौरान लोग उत्सव मानाने के उन्माद में इतने खो जाते हैं कि वे दूसरों के अधिकारों की रक्षा करना भूल जाते हैं। वे दूसरे लोगों के निर्णयों का सम्मान नहीं करते और हद से आगे बढ़ जाते हैं।

होली के नारे ‘बुरा न मानो होली है’ के तहत लड़कियों और महिलाओं को परेशान करना कुछ लोगो के लिए सामान्य बात हो गई है। आप मौज-मस्ती कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान किसी का अपमान नहीं होना चाहिए, खासकर महिलाओ का अपमान नहीं होना चाहिए और उन्हें नहीं नुकसान पहुंचना चाहिए। होली खुशियों, मौज-मस्ती, प्यार के रंगों का त्योहार है, जहां दुश्मन भी दोस्त बन जाता है, इसलिए आपको भी सब के साथ सिर्फ खुशियां बांटनी चाहिए। इसलिए हमने यह कहानी चुनी।”

क्या टप्पू सेना सोनू को गुड्डु भैया से बचा पाएगी या फिर सोनू को उसी तरह के शॉक से गुजरना पड़ेगा जैसे कई लड़कियों और महिलाओं को कई तरह के फेस्टिवल सेलिब्रेशन के दौरान झेलना पड़ता है? अधिक जानने के लिए देखते रहें तारक मेहता का उल्टा चश्मा।

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