विवादित बयानों के लिए मशहूर स्वामी प्रसाद मौर्य पर समाजवादी पार्टी में घमासान, कई नेताओं ने की पार्टी से निकालने की मांग

There is a tussle in the Samajwadi Party over Swami Prasad Maurya, famous for his controversial statements, many leaders demanded his removal from the party.
(File Photo: Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: हिंदू धर्म पर लगातार विवादित बयान देने वाले नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर समाजवादी पार्टी में घमासान मचा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, कई नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लोकसभा चुनाव से पहले मौर्य को पार्टी से निकालने की मांग की है।

रामचरितमानस से छंदों को हटाने की मांग से लेकर अयोध्या में ‘कार सेवकों’ पर गोलीबारी को उचित ठहराने तक, उनके बयान समाजवादी पार्टी (सपा) में हिंदू विधायकों को परेशान कर रहे हैं।

पिछले हफ्ते, पार्टी की एक बैठक में विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के सामने यह मुद्दा उठाया था और बाद में उन्हें आश्वासन दिया था कि स्वामी प्रसाद मौर्य को धार्मिक मुद्दों पर टिप्पणी करने से परहेज करने के लिए कहा गया था।

हालाँकि, इसके एक दिन बाद, मौर्य ने ‘कार सेवकों’ पर टिप्पणी करते हुए उन्हें “असामाजिक तत्व” करार दिया।

सपा के वरिष्ठ विधायक राकेश प्रताप सिंह और समरपाल सिंह ने तो खुलकर अब पार्टी नेतृत्व से मौर्य के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

एक नेता ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मौर्य कुछ निहित स्वार्थों के इशारे पर काम कर रहे हैं जो आगामी लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। इसका तर्क  देते हुए उन्होंने कहा कि जब मौर्य योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री थे तो उन्होंने इन मुद्दों पर कभी एक शब्द भी नहीं बोला। अब वह खुलकर हिन्दू धर्म के खिलाफ बोल रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि स्वामी प्रसाद मौर्य को अभी तक अपने बयानों के लिए सपा के भीतर ओबीसी नेताओं से कोई समर्थन नहीं मिला है और यहां तक कि बहुजन समाज पार्टी के उनके पूर्व सहयोगियों ने भी स्पष्ट रूप से उनसे दूरी बना ली है।

हिंदुओं के खिलाफ मौर्य के रुख का इस्तेमाल बीजेपी समाजवादी पार्टी पर निशाना साधने के लिए कर रही है। समाजवादी पार्टी के कई नेताओं को लगता है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मौर्य के बड़बोलेपन से फायदा हो जाएगा।

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