सरकार के सख्त रुख के बाद ट्विटर ने उपराष्ट्रपति नायडू के अकाउंट के आगे लगाया ब्लू टिक
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: सोशल मीडिया साइट ट्विटर ने भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया था जिसके बाद सोशल मीडिया साइट्स पर ट्विटर की जमकर आलोचना होने लगी। बता दें कि किसी भी अकाउंट के आगे ब्लू टिक होने का मतलब है कि वह अकाउंट वेरिफाइड है।
बाद में चारों तरफ से आलोचना होने के बाद और सरकार के सख्त रुख के बाद ट्विटर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का अकाउंट दोबारा वेरिफाइड कर दिया।
सरकार की ओर से साफ तौर पर कहा गया था कि उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। संविधानिक पद पर बैठे व्यक्ति किसी पार्टी का हिस्सा नहीं होते। इसलिए सरकार ट्विटर की इस हरकत को संवैधानिक अनादर की नजर से देखती है।
उपराष्ट्रपति के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाने पर ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, “जुलाई 2020 से अकाउंट इनएक्टिवेट है। हमारी सत्यापन नीति के अनुसार अगर अकाउंट इनएक्टिवेट हो जाता है तो ट्विटर ब्लू टिक और वेरिफाइड स्टेटस हटा सकता है।”
बता दें कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पर्सनल ट्विटर अकाउंट पर 1.3 मिलियन फॉलोवर हैं। उन्होंने आखिरी ट्वीट 23 जुलाई 2020 को किया था। ट्विटर पर वेंकैया नायडू का अकाउंट अगस्त 2013 से है। नायडू उपराष्ट्रपति बनने से पहले भाजपा के बड़े प्रभावी नेता के रूप में जाने जाते थे।
बता दें कि अभी भारत सरकार और ट्विटर में रस्साकस्सी चल रही है। भारत सरकार की निजता को लेकर बनायीं गयी नयी नीतियों के उल्लंघन का ट्विटर पर आरोप लग रहा है। सरकार की नई नीतियों को बाकी जितने भी सोशल साइट्स है वह सभी मानने को तैयार हैं, केवल ट्विटर ने अभी तक नीतियों को नहीं माना है। इस सम्बन्ध में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कुछ दिनों पहले स्पष्ट कहा था कि अगर भारत में काम करना है तो सरकार के फैसले का मानना ही होगा।