अयोध्या गैंग रेप केस में अखिलेश यादव के डीएनए टेस्ट की मांग पर बवाल, बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने शनिवार को अयोध्या गैंगरेप मामले में आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग कर विवाद खड़ा कर दिया। 30 जुलाई को अयोध्या पुलिस ने भदरसा नगर में बेकरी चलाने वाले समाजवादी पदाधिकारी मोईद खान और उसके कर्मचारी राजू खान को नाबालिग लड़की से गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार किया था।
मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने 12 साल की बच्ची के साथ दो महीने तक दुष्कर्म किया और इस कृत्य को रिकॉर्ड भी किया। यौन शोषण के कारण नाबालिग के गर्भवती होने के बाद मामला सुर्खियों में आया। शनिवार को अखिलेश यादव ने दुष्कर्म के आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराने की मांग की।
लोकसभा सांसद ने कहा, “दुष्कर्म के मामले में न्याय का रास्ता आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराकर निकाला जाना चाहिए, न कि केवल आरोप लगाकर राजनीति करने से।” जो भी दोषी हो उसे कानून के मुताबिक पूरी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन अगर डीएनए टेस्ट के बाद आरोप झूठे साबित होते हैं तो इसमें शामिल सरकारी अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “यह न्याय की मांग है।”
डीएनए परीक्षण के लिए यादव की मांग की उत्तर प्रदेश में भाजपा, बसपा और अन्य राजनीतिक दलों ने व्यापक आलोचना की।
भाजपा ने सपा प्रमुख की आलोचना करते हुए दावा किया कि पार्टी “पीडोफिलिया” का बचाव कर रही है और अपनी “लड़के तो लड़के ही रहेंगे” मानसिकता दिखा रही है, जबकि विपक्षी दल के नेता चुप हैं।
भाजपा के आईटी प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, “सिर्फ इसलिए बलात्कारियों को बचाने की इतनी चिंता कि मोईद खान मुसलमान है और पीड़िता निषाद समुदाय की नाबालिग लड़की है? सिर्फ वोट के लिए पीडीए की बात करना? यह मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है। सपा ने हमेशा पिछड़े समुदाय का शोषण किया है। लेकिन इस बार अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सजा दी जाएगी।”
अखिलेश यादव को कांग्रेस का मोहरा बताते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “अखिलेश यादव, निषाद समुदाय की पीड़ित बेटी के मामले में आप पहले डीएनए के लिए पीडीए (पिछड़े (पिछड़े वर्ग), दलित और अल्पसंख्यक) को भूल गए और अब कोर्ट की बात करके गुमराह कर रहे हैं। आपको अपना वोट बैंक खोने की चिंता है, जबकि प्रदेश की जनता पीड़िता के लिए न्याय और दोषियों को सजा की उम्मीद कर रही है। सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी।”
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए पूछा कि कितने आरोपियों का डीएनए टेस्ट हुआ है। उन्होंने एक्स पर कहा, “अयोध्या गैंगरेप मामले में आरोपियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही सख्त कार्रवाई उचित है, लेकिन समाजवादी पार्टी के इस बयान का क्या मतलब निकाला जाए कि आरोपियों का डीएनए टेस्ट होना चाहिए? समाजवादी पार्टी को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी सरकार के कार्यकाल में ऐसे आरोपियों के कितने डीएनए टेस्ट किए गए।”