वर्ल्ड आंत्रप्रेन्योर्स डे के मौके पर महामारी की चुनौती को जीवन भर के मौके में बदलने के लिए वाधवानी फाउंडेशन ने स्टार्ट्सअप और एसएमई उद्यमियों का सम्मान किया
- महामारी ने भिन्न उद्योगों की उद्यमिता प्रणाली में डिजिटल टेक्नालॉजी को अपनाए जाने की गति 5-10 वर्ष तेज कर दी है
- भारतीय स्टार्ट्अप के लचीलेपन को एक बड़ी सहमति के रूप में 2021 के दौरान रिकार्ड फंडिंग हासिल हो रहा है। नतीजतन 2021 के शुरुआती सात महीनों में 21 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश कर रहे हैं
- स्टार्ट की व्यवस्था और उसके स्वास्थ्य का दूसरा मजबूत संकेत एमएंए करार की रिकार्ड संख्या (~120) है जो 2021 में अभी तक पूरी हो चुकी है.
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: वर्ल्ड आंत्रप्रेन्योर्स डे के मौके पर मुनाफा न कमाने वाला वैश्विक वाधवानी फाउंडेशन उद्यमियों के अदम्य उत्साह की भावना का सम्मान करता है जो कोविड-19 महामारी की चुनौतियों का सामना करने के लिए खड़े हुए और मजबूत प्रतिक्रिया दी जिसके परिणामस्वरूप यूनिकॉर्न क्लब में रिकार्ड संख्या में स्टार्टअप शामिल हुए हैं तथा रिकार्ड संख्या में एमएंडए करार हुए हैं।
वर्ल्ड आंत्रप्रेन्योर्स डे मनाते हुए डॉ. अजल केला, प्रेसिडेंट और सीईओ, वाधवानी फाउंडेशन ने कहा, “2021 में 21 भारतीय स्टार्टअप ने यूनिकॉर्न स्टेटस हासिल किया है, यह देखकर खुशी हो रही है कि भारतीय उद्यमियों ने महामारी की चुनौती को जीवनभर के मौके में बदल दिया है। इसके लिए उन सबने अपने समाधानों में ग्राहकों के व्यवहार में आए बदलाव के साथ तालमेल बैठाया है। इनमें डॉक्टर हों या मरीज, शिक्षक हों या छात्र, खुदरा विक्रेता हों या उपभोक्ता, संस्थान हो या कर्मचारी सब शामिल हैं। इसका नतीजा हुआ कि भारत में भिन्न क्षेत्रों में पहले यूनिकॉर्न दिखे। ये हेल्थकेयर, ई-फार्मैसी और सोशल कामर्स स्पेस में हैं। वाधवानी फाउंडेशन स्टार्ट अप और एसएमई उद्यमियों का सम्मान करता है जो देश के आर्थिक विकास को गति दे रहे हैं और आवश्यक अच्छी नौकरियां तैयार कर रहे है। फाउंडेशन की कोशिश है कि इन उद्यमियों को उनकी पूरी कारोबारी संभावना हासिल करने दे और इसके लिए उन्हें साल भर मौके पर प्रशिक्षण तथा सहायता मुहैया करवाई जाए। यह सब एआई एम्पावर्ड (कृत्रिम बुद्धिमत्ता की शक्ति वाला) 360 डिग्री मंच है जो सक्रियता से खासतौर से तैयार किए गए ज्ञान और नेटवर्क संसाधनों की सेवा करता है।”
संक्षेप में, स्टार्ट अप और एसएमई उद्यमियों ने 2021 में भारतीय उद्यमिता व्यवस्था का विकास सुनिश्चित करने की चुनौतियों में नए मौके पाए और उस दौरान बरते गए धैर्य तथा स्थिरता को अब विकास में बदलते देखकर उसका लाभ उठाने की शुरुआत कर रहे हैं।
डिजिटल केंद्रित कारोबारी मॉडल, डाटा आधारित कारोबारी निर्णय, नई टेक्नालॉजी में निवेश तथा नवीनता पर बढ़े हुए फोकस से हमारा भविष्य भारतीय उद्यमिता व्यवस्था के बेजार विकास के संकेत दे रहा है।