दिल्ली में क्या है यमुना की स्थिति

शिवानी शर्मा

नई दिल्ली:

दिल्ली जहाँ सूर्य देव की पुत्री कल-कल बहती है, जिसे हम सब यमुना के नाम से जानते हैं, वजीराबाद से कालंदीकुंज तक की यमुना की दशा अगर कोई देखता तो उसे नाले की उपाधि देता। दिल्ली जैसे विकसित शहर में मनो यमुना अपना अस्तित्व खो बैठी हो।

दिल्ली भारत की राजधानी है जो कभी सोती नहीं। दिन हो या रात दिल्ली शहर थकती नहीं और ना ही थकती हैं यहाँ की फैक्ट्रियां, मोटर गाड़ी और लोग। सालों से यमुना को प्रदूषित करने में हमलोग सफल रहे हैं। नालों का पानी, फैक्ट्री का पानी, उनका कैमिकल वेस्ट सब यमुना के अंदर आता है, जिसके कारण यमुना ने नाले का रूप ले लिया। यमुना का पानी नाले के पानी काला हो गया, लेकिन कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन के बीच यह बदल रहा है।

इन दिनों दिल्ली-नोएडा में यमुना का पानी नीला दिख रहा है। बिल्कुल आसमान की तरह नीला। यह सब कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन का असर है। इस लॉकडाउन में यमुना ने खुद को एक नया जीवन दान दिया है जो की केंद्र सरकार पिछले तीन दशक में न कर पाई।

इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केंद्र व राज्य सरकारों ने लॉकडाउन के दौरान नदी के इस नैसर्गिक मॉडल को समझ लिया और उसके अनुसार योजनाएं बनाईं तो बगैर बड़े पैमाने पर मानवीय व वित्तीय संसाधन लगाए नदियों को साफ-सुथरा रखा जा सकेगा। इससे देश की बड़ी आबादी की जल संकट की समस्या भी दूर होगी।

 

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