विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप: दीपक, हुसामुद्दीन और निशांत ने कांस्य पदक के साथ किया अपने ऐतिहासिक अभियान का अंत

World Boxing Championships: Deepak, Hussamuddin and Nishant end historic campaign with bronze medalsचिरौरी न्यूज

ताशकंद: जाने-माने मुक्केबाज दीपक कुमार, मोहम्मद हुसामुद्दीन और निशांत देव ने कांस्य पदक के साथ उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में जारी आईबीए पुरुष विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2023 में अपने अभियान का समापन किया। भारत के दो मुक्केबाज दीपक और निशांत शुक्रवार को खेले गए अपने-अपने सेमीफाइनल मुकाबलों में हार गए जबकि हुसामुद्दीन को चोट के कारण वाकओवर देना पड़ा।

हुसामुद्दीन, दीपक और निशांत द्वारा जीते गए तीन कांस्य पदकों के साथ भारत ने इस प्रतिष्ठित वैश्विक टूर्नामेंट की पदक तालिका में संयुक्त रूप से चौथा स्थान हासिल किया। मेजबान उज्बेकिस्तान ने 9 पदकों के साथ पहला जबकि क्यूबा और रूस ने 6-6 पदकों के साथ दूसरा और कजाकिस्तान ने 5 पदकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

अटूट धैर्य का प्रदर्शन करते हुए 2019 में आयोजित एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता दीपक (51 किग्रा) को बाउट रिव्यू के बाद सेमीफाइनल में दो बार के विश्व कांस्य पदक विजेता फ्रांस के बिलाल बेनामा के खिलाफ 3-4 से हार का सामना करना पड़ा लेकिन उससे पहले दीपक ने अपने विरोधी खिलाड़ी को कड़ी टक्कर दी।

हिसार में जन्मे इस मुक्केबाज ने बाउट की सावधानीपूर्वक शुरुआत की और पहले राउंड में 2-3 से जीत हासिल की और इसके बाद वापसी करने और उसी स्कोरलाइन के साथ दूसरे राउंड में जीत हासिल करने के लिए अत्यधिक फ्लेक्सिबिलिटी दिखाया।

दोनों मुक्केबाजों ने अंतिम राउंड में काफी करीबी गेम खेला लेकिन अंत में यह फ्रांसीसी मुक्केबाज था जिसने अंकों की लड़ाई जीत ली और दीपक पर दीपक पर मामूली बढ़त कायम कर ली।

दीपक की ही तरह, निशांत (71 किग्रा) को भी मौजूदा एशियाई चैंपियन कजाकिस्तान के असलानबेक शिमबर्गेनोव के खिलाफ अपने बाउट के रिव्यू के बाद 2-5 से हार का सामना करना पड़ा। 22 वर्षीय निशांत ने पूरे बाउट में एक डायनामिक और एग्रेसिव अप्रोच दिखाया, लेकिन अपने बेहतरीन प्रयासों के बावजूद कज़ाख मुक्केबाज को हराने में असफल रहे।

इस बीच, क्वार्टर फाइनल में लगी घुटने की चोट के कारण दो बार के राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता हुसामुद्दीन को दुर्भाग्य से वॉकओवर देना पड़ा और अपने पहले विश्व चैंपियनशिप अभियान में उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के बाद दीपक, हुसामुद्दीन और निशांत ने अब तक देश के दस विश्व चैंपियनशिप पदक विजेताओं में से तीन के रूप में भारतीय मुक्केबाजी इतिहास की किताबों में अपना नाम दर्ज करा लिया है। यह भी पहली बार था कि भारत ने टूर्नामेंट के किसी एक संस्करण में तीन पदक जीते है।

इस प्रतिष्ठित वैश्विक टूर्नामेंट में 107 देशों के 538 मुक्केबाजों ने भाग लिया। इनमें कई ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले मुक्केबाज हैं। कांस्य-पदक विजेताओं में से प्रत्येक को 50,000 अमेरिकी डॉलर के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

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